

देहरादून: उत्तराखंड की फिज़ाओं में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। बीते दिन हुई झमाझम बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं नदी-नालों को भी उफान पर ला दिया। सुबह तक जो धूप तीखी चुभ रही थी, दोपहर होते-होते बादलों ने आसमान पर कब्जा जमा लिया और फिर मौसम ने ऐसा रंग दिखाया कि लोग छाते और रेनकोट ढूंढते रह गए।
मौसम विभाग की मानें तो यह राहत अस्थाई है। अगले 24 घंटों में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में तेज बारिश, आकाशीय बिजली और ओलावृष्टि के आसार हैं। हवा भी इस खेल में पीछे नहीं रहने वाली 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं।
अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर में भी गरज-चमक के साथ बारिश की संभावनाएं हैं। हालांकि हरिद्वार वालों को फिलहाल बादलों से कोई आस नहीं। वहां मौसम शुष्क बना रहेगा। लेकिन देहरादून, टिहरी और पौड़ी जैसे जिलों में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली और ओले गिरने की आशंका है।
मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। साफ कहा गया है सतर्क रहिए, बेवजह बाहर न निकलें, खासकर जब बिजली चमकने लगे या हवाएं तेज चलने लगें। किसानों को भी सलाह दी गई है कि फसल और सामान को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
देहरादून में आसमान साफ से लेकर आंशिक रूप से बादलों से घिरा रहेगा। कुछ इलाकों में गरज के साथ बारिश हो सकती है। झोंकेदार हवाएं चलेंगी और तापमान भी हल्का सा कम हो सकता है। अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।
जब मौसम विभाग पहले ही अलर्ट कर रहा है, तो क्या स्थानीय प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है? नदी-नालों के किनारे बसे गांवों में क्या चेतावनी दी गई है? और सबसे ज़रूरी बात बिजली गिरने की आशंका में क्या स्कूली बच्चों और आम नागरिकों को जागरूक किया गया है? मौसम का मिज़ाज बदल रहा है, लेकिन क्या हम भी बदलने को तैयार हैं?