

हल्द्वानी: प्लास्टिक के खिलाफ जंग अब स्कूलों से शुरू हो चुकी है। विश्व पर्यावरण दिवस पखवाड़ा के अंतर्गत उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय हल्द्वानी द्वारा एक अनोखी पहल की गई इस बार मंच दिया गया बच्चों को, और ज़रिया बना रंगों की ज़ुबान।
स्थान था राजकीय इण्टर कॉलेज, वनभूलपूरा, जहां कक्षा 6 से 9 तक के छात्र-छात्राओं ने अपने मन के विचारों को कूंची और कैनवास के ज़रिए आकार दिया। इस साल की थीम थी “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना”। रंगों में डूबे बच्चों ने जो तस्वीरें बनाईं, उनमें दिखा एक साफ़-सुथरा सपना एक ऐसी धरती जहाँ प्लास्टिक की जगह हरियाली हो, स्वच्छता हो, और जीवन मुस्कराता हो।
प्रतियोगिता में जुनैद ने पहला स्थान प्राप्त किया, साकिब ने दूसरा और अरमान वारसी ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई। इन नन्हे कलाकारों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार प्रदान किए गए क्षेत्रीय अधिकारी अनुराग नेगी द्वारा, जिन्होंने बच्चों को न सिर्फ़ सम्मानित किया बल्कि उनसे प्लास्टिक उन्मूलन की मुहिम में भागीदार बनने का आह्वान भी किया।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य श्रीमती योगिता सिंह, रसायन विज्ञान की प्रवक्ता श्रीमती मीनाक्षी कनवाल, सहायक वैज्ञानिक अधिकारी हरीश चन्द्र जोशी, अनुश्रवण सहायक चन्द्र बल्लभ जोशी, योगेश रावत तथा ‘गो क्लीन गो ग्रीन’ के अध्यक्ष मनोज नेगी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
यह महज़ एक प्रतियोगिता नहीं थी, यह बच्चों की चेतना का प्रतिबिंब था एक पर्यावरणीय संकल्प। जहां हम प्लास्टिक की चकाचौंध में अंधे हो चुके हैं, वहीं ये छोटे-छोटे हाथ अब भविष्य की दिशा बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
क्योंकि सवाल सिर्फ़ पेंटिंग का नहीं है, सवाल है उस ज़मीन का जो धीरे-धीरे प्लास्टिक की चादर में लिपटी जा रही है। और जवाब है इन बच्चों की कल्पना में, इनके रंगों में, और इनकी उम्मीदों में।