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दिल्ली: राजनीति में देश के सबसे बड़े सिंहासन पर इस बार एक नया इतिहास बनने जा रहा है। पुराने दौर में राम और रावण को तो एक साथ बैठने का मौका भले ही न मिला हो, लेकिन इस बार की लोकसभा में राम और रावण को एक साथ न सिर्फ बैठने का मौका मिलेगा। बल्कि दोनों एक-दूसरे के बगलगीर होकर संविधान पर नुकता चीनी भी कर सकेंगे।
कहा जाता है कि देश की राजनीति का गलियारा उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। यहां सबसे ज्यादा जिस पार्टी के सांसद चुने जाते हैं। उसको ही सत्तासीन होने का मौका मिलता है। उत्तर प्रदेश में इस समय सबसे बड़ी राजनीतिक दल में शुमार समाजवादी पार्टी बनी है। लेकिन इंडिया गठबंधन में होने की वजह से उनको विपक्ष में बैठने का मौका मिल रहा है। हां इस बार का विपक्ष पिछली बार की तरह कमजोर नहीं है। बल्कि यह विपक्ष भी इतना मजबूत है कि कुछ भी गलत होते देख वह उस कानून का न सिर्फ विरोध कर सकता है। बल्कि उस विधेयक को फेल करने की कुव्वत भी रखता है। इस बार जनता ने ऐसा करिश्मा कर दिया है कि सदन के एक छत के नीचे राम और रावण को एक साथ बैठने का मौका मिलेगा।
मेरठ-हापुड़ लोकसभा से सांसद चुने गये भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद अरुण गोविल के लिए सियासत बिल्कुल नई है, लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान यह है कि टीवी के लोकप्रिय सीरियल रामायण में उन्होंने ‘राम’ का किरदार निभाया।
अरुण गोविल ने राम के नाम पर वोट बटोरीं और जनता ने भी उनका भरपूर साथ देकर राजनीति के सर्वोच्च मुकाम पर बैठा दिया। अब हम बात करें रावण उर्फ चन्द्रशेखर की। तो यह राजनीतिक कौशल के मंजे हुए खिलाड़ी हैं। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर उर्फ रावण को जनता ने मेरठ के बगल की बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा से सांसद चुना है। इस चुनाव में एक नए दलित नेता रावण ने डेढ़ लाख से ज्यादा के वोटों के अन्तर से जीत दर्ज की है। य़ह जीत दलित वोटों में स्पष्ठ बदलाव के संकेत है।

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दलित बच्चों के लिए स्कूल चलाते हैं आधुनिक रावण

नगीना सीट से सांसद चुने गये चन्द्रशेखर उर्फ रावण बताते हैं कि उनकी टीम पश्चिमी यूपी के विभिन्न शहरों में दलित बच्चों के लिए स्कूल चलाती है। वह पीडित परिवारों को कानूनी मदद भी देते हैं। पूर्व सीएम मायावती ने कभी भी पीड़ित परिवारों तक पहुंचने की जहमत नहीं उठाई। रावण बेबाकी से कहते हैं कि हमारे समुदाय के लोग, खासकर युवा, धीरे- धीरे भीम आर्मी की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिसे आजाद समाज पार्टी के नाम से भी जाना जाता है। नगीना में अपने नेता चंद्रशेखर की जीत से खुश भीम आर्मी अब पूरे राज्य में अपना संगठन बनाने की योजना बना रहे हैं। (अंजर)

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