हल्द्वानी। सरकारी तंत्र में जनता के धन की बर्बादी का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा कि मात्र साढ़े तीन साल पहले एक करोड़ रुपये से अधिक की क़ीमत पर हल्द्वानी के चौराहों पर लगाई गई ट्रैफ़िक लाइटों को अब हटाया जा रहा है। बिना प्लानिंग और पुलिस के एक बड़े अधिकारी के इशारे पर लगाई गई य़ह लाइटें शहर में लगने वालीं जाम की समस्या से तो मुक्ति नहीं दिला सकीं उल्टा स्वय में जाम का सबब बनकर पब्लिक के लिए मुसीबतों का कारण अलग से बन गई।
यहाँ बता दे कि वर्ष 2020-21 में शहर के 13 प्रमुख चौराहों पर इन ट्रैफ़िक लाइटों को लगाया गया था। उदेश्य था हल्द्वानी शहर में आए दिन लगने वाले ट्रैफ़िक जाम से जनता को निजात दिलाना, य़ह अलग बात है कि जाम से मुक्ति को लेकर लगाई गई य़ह लाइटें यदा कदा ही उपयोग में लायी गई, लेकिन जितनी बार भी इन्हें जाम कम होने के बजाये पहले से कई अधिक गुना लगने लगा। इसके पीछे लाइटों के जलने व बंद होने की टाइमिंग की सही सेटिंग न हो पाना एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। इसके आलावा बेहतरीन तरीके से इन्हें लगाया जाना भी एक बड़ी वज़ह रही। बिना विशेषज्ञों की राय लिए लगाई गई इन ट्रैफ़िक लाइटों को इन दिनों हटाए जाने की कवायद चल रही है। वहीं पुलिस विभाग अब सड़क चौड़ीकरण का हवाला देकर अपने दामन को बचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जनता के खून-पसीने की एक करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि यूँ ही बर्बाद हो गई उसका न तो पुलिस विभाग को और न ही सूबे के नीति-नियंताओं को ही कोई अफसोस होगा। बताया जा रहा है कि लाइटों को लगाने के दौरान विशेषज्ञों की राय तो नहीं ली गई वहीं ट्रैफ़िक से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों से भी इसको लेकर कोई मशवरा नहीं किया गया। नतीज़ा विषय विशेषज्ञों की राय के बिना मगायी गई लाइटों का हाल य़ह रहा कि लाइटें महज 100-100 मीटर की दूरी पर लगा दी गई जिसके चलते इन्हें जब भी चालू किया जा रहा था, जाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही थी। इसके आलावा कुछ लाइटें ऐसी जगह लगा दी गई जहां इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता था। ट्रैफ़िक लाइटों को लगाने में बरती गई लापरवाही का नतीजा है कि जनता की एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि यूँ ही बर्बाद हो जाने दी गई।
आरटीआई लगाने पर मिला टका सा जवाब
शहर के 13 चौराहों पर लगाई गई ट्रैफ़िक लाइटों के सम्बन्ध में जब सूचना के अधिकार के तहत हल्द्वानी के पुलिस विभाग से ब्यौरा मांगा गया तो पुलिस विभाग ने टका सा ज़वाब देते हुए ज़वाब में लिखा कि ट्रैफ़िक लाइटों से सम्बन्धित सूचना का ब्यौरा उनके पास उपलब्ध नहीं है। सम्बन्धित सूचना के लिए पुलिस मुख्यालय देहरादून में सम्पर्क करे।