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हल्द्वानी। टीवी चैनलों व अखबारों में मनमोहक प्रचार के जरिए बच्चों व उनके अभिभावकों के दिलों दिमाग में ‘बॉर्नविटा’ के नाम से जगह बनाने वाले इस उत्पाद को केंद्र सरकार ने हेल्थ ड्रिंक की केटेगरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद अब बॉर्नविटा के कान फोड़ प्रचार में तो कमी आयेगी ही साथ ही अभिभावक इससे स्वास्थ्यवर्धन ड्रिंक होने को लेकर जो गलतफहमी पाले हुए थे वह भी दूर हो सकेगी।
यहाँ बता दे कि 10 अप्रैल 2024 को जारी इस आदेश में केंद्र सरकार ने सभी ई कामर्स कंपनियों को बॉर्नविटा सहित कई पेय पदार्थों को स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थ ( हेल्थ ड्रिंक) की केटेगरी से हटाने का निर्देश दिया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सभी ई कामर्स कंपनियों को जारी एक परामर्श में कहा है कि बाल संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 14 के तहत अपनी जांच के बाद निष्कर्ष दिया गया है कि एफएसएस और माइलेज इन्डिया फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत नियमो और विनियमों के तहत य़ह कोई स्वास्थ्यवर्धन पेय परिभाषित नहीं है। साथ ही सरकार ने सभी ई कामर्स कंपनियों को अपने पोर्टल साईडो से बॉर्नविटा समेत अन्य पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक की केटेगरी से तत्काल हटाने को कहा है।

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क्‍या कहती है एडवाइजरी?

एडवाइजरी के अनुसार, ‘बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम 2005 की धारा (तीन) के तहत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) एक वैधानिक निकाय है। इसने सीआरपीसी अधिनियम 2005 की धारा 14 के तहत अपनी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि एफएसएस अधिनियम 2006, एफएसएसएआई और मोंडेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड की ओर से प्रस्तुत नियमों और विनियमों के तहत कोई ‘हेल्‍थ ड्रिंक’ परिभाषित नहीं है।’

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