एक समय यह भी था कि स्कूल में पढ़ाई के साथ स्वास्थ को मजबूत करने के लिये अपने साथियों के साथ मिल कर शारीरिक-मानसिक तनाव को दूर करने के लिए अलग-अलग खेल खेले जाते थे, लेकिन कोरोना काल में स्कूल बंद होने से बच्चों से लेकर युवाओं के हाथों में मोबाईल आने की लत से ऑनलाइन गैम का क्रेज बढ़ने से युवा वर्ग कर्ज में डुब रहा है। बच्चों से लेकर युवाओं में फ्री -फायर एवंम पबजी गैंम के क्रेज से युवा वर्ग का अपराध की दुनिया में कदम बढ़ रहा है। ऑनलाइन गैम खेलते समय व्यतीत कर रहे बच्चों का पढ़ाई से मोह भंग होता नजर आ रहा है तो वही रिश्ते नातों में भी दूरिया बढ़ रही है।
ऑनलाइन गैम को लेकर टीनएजर्स का चस्का किसी से छिपा नही है। ऑनलाइन गैम की लत किसी खौफनाक साजिश को अंजाम देने से पीछे भी नही है। वर्तमान युग में बच्चों से लेकर युवा वर्ग के हाथ में एंड्रोयड़ मोबाईल के बढ़ते चलन से दिन रात ऑनलाइन गैंम का क्रेज बढ़ने से युवा वर्ग कर्ज में डूबता जा रहा है। युवा वर्ग कर्ज को चुकता करने के लिये अपराध की दुनिया में कदम रखने में भी पीछे नही हट रहा है। बता दें कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने से बच्चों से लेकर युवाओं पर काफी गलत असर देखने को मिला है। बच्चे मोबाइल में पबजी, फ्री -फायर और तीन पत्ते जैसा खेल में हो रही हार से कर्ज में डूबने से मानसिक तनाव से ग्रस्त हो रहे है। जिसके चलते स्वास्थ्य पर भी बूरा असर पड़ता नजर आ रहा है। बढ़ते ऑनलाइन गैंम के चस्के ने बच्चों एवं युवाओं की पढ़ाई से मोह भंग कर दिया है। वहीं रिश्ते नातों में भी दूरियां बढ़ रही है।
मोबाइल से दोस्ती जी का जंजाल
ऑनलाइन गैंम की दिवानगी मासूम बच्चों को अपराध की दुनिया की तरफ धकेल रही है। बच्चें ऑनलाइन गैंम खेलने के लिये अभिभावकों का एटीएम कार्ड चोरी कर खाते से रकम तक साफ करने से नहीं चुक रहे है। बच्चों में बढ़ती ऑनलाइन गैंम की लत से वह चिड़चिड़े हो रहे है। बच्चों को डराने धमकाने पर वह आक्रमक रूप ले रहे है। ऐसी तमाम शिकायते पुलिस के पास पहुंच रही है। जिसमें अभिभावक पुलिस से शिकायत कर केस दर्ज करने के बजाय उन्हें ड़राने धमकाने की गुहार लगा रहे है।