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संजय रावत

मानसून की जबरदस्त बारिश भी हल्द्वानी के प्रतिष्ठित न्यूरो सर्जन और कुमाऊँ के बड़े नर्सिंग होम के सर्वेसर्वा डॉ. महेश शर्मा के बारे में सोशल मीडिया में सुलगती ख़बरों को ठंडा न कर सकी। ख़बर थी कि डॉ. शर्मा विवाहेत्तर सम्बन्ध से एक अभागे बच्चे के बाप बने हैं। इस मामले का खुलासा सोशल मीडिया पर पीड़िता ने नहीं बल्कि उनकी नापाक हरकतों का शिकार बनी एक अन्य युवती ने किया था।

यहाँ गौरतलब है कि जून के पहले हफ्ते में बिन ब्याही माँ बनी उक्त युवती ने अभी तक भी इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है। जैसे न पुलिस प्रशासन में, न न्यायालय में, न ही सोशल मीडिया में। याद कीजिए, सोशल मीडिया में तब वायरल हुए वाट्सएप के स्क्रीन शॉट भी पीड़िता के अपनी मित्रों से की गयी बातचीत के थे।

खैर, तब हमने पाया था कि यहाँ मामला डॉक्टर के सिर्फ एक विवाहेत्तर सम्बन्ध का नहीं है बल्कि ये साहब की रसिक मिज़ाजी का ही है। उस समय हमने बताया था कि ऐसे करीब आधा दर्जन मामले हमारी पड़ताल में सामने आ चुके हैं।

उन्हीं में से एक मामला अब निजी न रहकर सार्वजनिक हो चुका है। पुख्ता जानकारी के अनुसार डॉक्टर की शिकार एक पीड़िता ने हल्द्वानी कोतवाली में डॉक्टर महेश शर्मा के खिलाफ़ बाकायदा एक तहरीर दी है।

शिकायतकर्ता पीड़िता ने शर्मा पर छेड़छाड़ और जबरदस्ती करने का आरोप लगाया है। पीड़िता भी मेडिकल के क्षेत्र से ही है इस वजह से डॉक्टर के नर्सिंग होम में उनका आना जाना पेशेवश लगा रहता था। यहाँ काम के बहाने शर्मा उन्हें अपने चैंबर में बुलाया करते और काम में फायदा देने के ढेरों विकलो देकर बहलाया करते थे। यहां अक्सर डॉक्टर शर्मा अपनी पत्नी से न बनने और घरेलू कलह का हवाला दे कर भावनात्मक कार्ड भी खेला करते थे। असल कार्ड था अपने गृह जनपद की होने का हवाला देना, तांकि शिकार पर कसा शिकंजा किसी भी तरह छूटे न पाए।

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हद तो तब हो गयी जब एक रात डॉक्टर करीब 10 बजे पीड़िता के घर में घुस गए। उस समय वे शराब के नशे में धुत्त थे। पीड़िता भी किराए के मकान में रहा करती है तो उन्होंने बिना कलह किए शर्मा को वापस जाने के लिए कहा। रंगीले शर्मा जी कहें या कामुक शर्मा जी नहीं माने, तो पीड़िता उनका विडियो रिकॉर्ड करने लगी। तब शर्मा ने उनका फ़ोन छीनने की कोशिश की और उस रात किसी तरह वे पीड़िता के घर से लड़खड़ाते हुए वापस चले गए। अजब यह कि घटना के समय इनके पिता बनने में कुछ ही दिन बाकी थे।

इस घटना के कुछ समय बाद पीड़िता अपना बकाया मांगने विवेकानंद अस्पताल पहुँची तो डॉ शर्मा ने उन्हें अपने चैंबर में इंतजार करने को कहा, जाहिर सी बात है कि कोई व्यस्त सर्जन जो कामदेव के अवतार में दुनियां को नसीब हुआ हो, वो अपना समय दे यही बड़ी बात हुई । हालांकि कुछ समय बाद डॉक्टर शर्मा अपने चैंबर में आए और पीड़िता का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने उसे जबरदस्ती चूमने और कपड़े उतारने की भी कोशिश की भरपूर कोशिश भी की, जब पीड़िता ने विरोध किया तो डॉक्टर महेश शर्मा उनका बकाया न देने और काम-धंधा बंद करवाने की धमकी दे डाली। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वे पीड़िता को बदनाम कर उसका बिजनेस चौपट करवा देंगे। घटना के बाद पीड़िता डरी-सहमी रहने लगी। वह जानती थी कि शर्मा इतने रसूख वाले वाले तो हैं ही कि उसका कामकाज चौपट करने से लेकर हत्या तक करा सकते हैं। इसी भय से पीड़िता एक पखवाड़े तक रपट दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा सकी।

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आखिरकार बहुत हिम्मत कर उसने आज महेश शर्मा के खिलाफ़ हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर सौंप दी। पीड़िता चाहती है कि महेश शर्मा के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई हो और वो भयमुक्त जीवन बिता सके ।
हल्द्वानी पुलिस ने इस मामले में प्रथम सूचना रपट दर्ज की है या नहीं इसकी ठोस जानकारी अभी नहीं मिल पायी है. अब देखना है कि इस मामले में पुलिस क्या करती है.

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