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निशंक लेखक तो टम्टा ट्रांसपोर्टर

देहरादून। मोदी लहर में उत्तराखंड के भाजपा नेताओं ने न केवल जीत का इतिहास बनाया बल्कि आय के मामले में देशभर के सांसदों को टक्कर दी। दोबारा सांसद बनने वाले देश के 335 नेताओं की औसत संपत्ति में 6.8 करोड़ की वृद्धि हुई तो उत्तराखंड के ऐसे तीन सांसदों की औसत संपत्ति 6.5 करोड़ के हिसाब से बढ़ी। यह अलग बात है कि संपत्ति के मामले में टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी की हिस्सेदारी बाकी दोनों से कहीं अधिक रही। उत्तराखंड में एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस की जीत की परिपाटी रही है। जीत का क्रम लोकसभा के साथ विधानसभा चुनावों में भी रहा। लेकिन वर्ष 2014 में जब मोदी लहर आई प्रदेश में चुनाव हो विधानसभा का या फिर स्थानीय निकायों का भाजपा हर जगह जीत पर जीत दर्ज करती रही। खास बात यह है कि सिर्फ जीत में ही नहीं, कमाई के मामले में भी भाजपा सांसदों ने खुद को पीछे नहीं रखा। एसोसिशन आफ डेमोक्रेटिव रिफार्म और इलेक्शन वॉच के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के 338 सीटिंग एमपी को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका मिला। इनमें से 335 प्रत्यिाशियों द्वारा जमा कराये गये हलफनामे के अनुसार वर्ष 2014 में उनकी औसत संपत्ति 16.79 करोड़ थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 23. 65 करोड़ हो गयी। यानी पांच वर्ष में 41 प्रतिशत की वृद्धि। उत्तराखंड की बात करे तो वर्ष 2014 में सभी पांच सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। इनमें से तीन सांसदों टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी, हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक और अल्मोड़ा से अजय टम्टा को दोबारा टिकट दिया गया। दोबारा सांसदी का चुनाव लड़ने वाले इन तीनों नेताओं के हलफनामे के अनुसार उनकी औसत संपत्ति वर्ष 2014 में 1.68 अरब थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 1.88 अरब हो गयी। यानी 20 करोड़ से अधिक की औसत वृद्धि हुई जो औसतन 6.5 करोड़ लगभग है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने तीन सीटिंग एमपी को फिर से चुनाव लड़ने कर मौका दिया है। कुछ दिन में स्पष्ट हो जाएगा की पिछले पांच वर्ष में इन सांसदों की संपत्ति में कितना हजाफा हुआ है।

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सम्पत्ति के मामले में कांग्रेस आगे

देश भर में भाजपा के 170 सांसद दोबारा चुनाव लड़े। उनकी औसत आय वर्ष 2014 में 12,68,87,140 रूपये थी। वर्ष 2019 में जब उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया तो उनकी औसत आय 34.97 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 17,12,53,792 रूपये हो गयी। यानी 4.43 करोड़ की वृद्धि। इसी तरह कांग्रेस के 38 सांसद दोबारा चुनाव लड़े। वर्ष 2014 में उनकी औसत आय 29,93,70,999 रूपये थी जो 102 प्रतिशत की दर से बढ़कर वर्ष 2019 में 60,65,84,752 रूपये हो गयी।

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निशंक लेखक तो टम्टा ट्रांसपोर्टर

टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह प्रदेश में शीर्ष स्थान पर और राष्ट्रीय क्रम में 25 वें नम्बर पर रही। वर्ष 2014 रानी की संपत्ति 1.66 अरब थी जो 2019 में 11 प्रतिशत की दर से बढ़कर 1.88 अरब हो गयी। रानी ने अपनी आय सांसद पद की सैलरी, बजाय और पति की रेंट व बजाय से मिलने वाली आय को दिखाया है। इसी तरह देश भर में 212 वें नम्बर पर रहें हरिद्वार सांसद रमेंश पोखरियाल निशंक की 2014 में कुल संपत्ति 1.79 करोड़ थी जो 2019 में 60 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2.87 करोड़ हो गयी। निशंक ने अपनी आय का स्त्रोत एमपी पद का वेतन और लेखक के व्यवसाय से होने वाली आमदनी को दिखाया है। देश भर में 272 वें स्थान पर रहें अल्मोड़ा के सांसद की वर्ष 2014 में कुल संपत्ति 63.66 लाख थी जो 2019 में 56 प्रतिशत की दर से बढ़कर 99.10 लाख हो गयी। अजय टम्टा ने अपनी आय के स्त्रोत के रूप में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय, एमपी पद से मिलने वाले वेतन और शिक्षित पत्नी की आय को दिखाया है।

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