ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी: एनएच 74 मुआवजे घोटाले मामले में प्रर्बतन निदेशालय ( ईडी) ने लम्बी जांच के बाद घोटाले में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाही शुरू कर दी है। हालांकि अभी धनशोधन के मामले में मात्र 4 लोगों के खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल हुयी है। इस पूरे प्रकरण में अभी तमाम ऐसे बड़े नाम शामिल है जिनका अभी खुलासा या तो हुआ नहीं है या फिर होना बाकी है। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में उत्तराखंड के एक ऐसे कद्दावर नेता का नाम भी शामिल है जो घोटाले के वक्त तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे, परन्तु 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही उक्त मंत्री ने पार्टी बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया। तब ऐसा करना उनकी मजबूरी रही या उनके ऊपर कोई बाहरी दबाव रहा, यह तो वही जाने लेकिन उस वक्त जितनी तेजी से उन्होंने पार्टी बदली उसे देखकर सब हैरान परेशान थे। सूत्र बताते है कि उस दौरान एनएच 74 प्रकरण की आंच नेता जी तक पहुच सकती थी, इसीलिए उन्होने इस जांच की आंच से बचने के लिये सतारूट पार्टी (भाजपा) का दामन थामना ज्यादा मुनासिव समझा। और काफी हद तक नेताजी अपने को सेव करने में कामयाब भी रहें। यहाँ गौरतलब है कि इन नेताजी का पार्टीयों की अदला बदली किए जाने सफर यहीं नहीं थमा। नेताजी पांच वर्ष का समय भाजपा में बिताने के बाद फिर अपनी मूल पार्टी कांग्रेस में लौट आये। अब एक बार फिर एनएच 74 मुआवजे घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है, जाहिर सी बात है ऐसे में नेताजी की टेंशन बढ़ना लाजमी है। अब देखना य़ह है कि जांच की आंच से बचने के लिए नेता जी अब कौन सा पेतरा खेलते है।

यह भी पढ़ें 👉  2 पेटी देशी शराब के साथ एक गिरफ्तार

नौकशाह पर भी गिरी थी गाज

एनएच 74 मुआवजा घोटाले के तार महज नेता जी तक ही सीमित नहीं है। इस पूरे मामले में एक बड़ा नौकशाह भी शामिल रहा जो घोटाले के वक्त रसूखदार पद पर आसीन था। जिसके द्वारा मुआवजा सेटलमैन्ट में अहम भूमिका निभाई गयी थी।

यह भी पढ़ें 👉  कोरोना के नए वैरिएंट ने बढ़ाई टेंशन

ईडी में भी दर्ज है मामला

वर्ष, 2018 में य़ह मामला प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) तक पहुंचा था। ईडी की टीम ने यूएस नगर में एसआइटी अधिकारियों से जानकारी जुटाई और बाद में घोटाले से जुड़े दस्तावेज के आधार पर ईडी ने देहरादून में भी केस दर्ज कर लिया था।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad

Comments

You cannot copy content of this page