पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से बरामद की 30 पेट्टी अग्रेजी शराब
देहरादून। संगठित रूप से चलाये जा रहे अवैध शराब के कारोबार का पर्दाफाश करने में दून पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने वाहन में तस्करी कर ले जायी जा रही शराब की 30 पेटियों के साथ ही तीन शराब तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपियों के खिलाफ थाना नेहरू कॉलोनी में धारा 60, 63, 72 आबकारी अधिनियम एवं 3(5), 318(4), 347(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार (19 सितम्बर ) को थाना नेहरू कालोनी पुलिस को मुखबीर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुयी की साकेत कॉलोनी अजबपुर से एक यूटीलिटी वाहन से अवैध शराब की तस्करी की जा रही है, उक्त सूचना पर पुलिस टीम द्वारा चैकिंग अभियान चलाया गया, चैकिंग के दौरान पुलिस टीम द्वारा जब यूटीलिटी वाहन संख्या यूके08सी5296 को रोककर चैक किया गया तो वाहन से 15 पेटी अवैध शराब मकडोवल बरामद हुई। बरामद शराब के सम्बन्ध में वाहन चालक से सख्ती से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि उक्त शराब की पेटियो को वह साकेत कॉलोनी स्थित एक मकान से लाया है, जिस पर पुलिस टीम ने अभियुक्त द्वारा बताये गये मकान की घेराबन्दी कर छापेमारी की गयी तो मकान में मौजूद 02 व्यक्ति पुलिस को देख कर भागने का प्रयास करने लगे, जिन्हे पुलिस द्वारा मौके पर पकड़ लिया गया। मकान की तलाशी में पुलिस टीम को मौके से 15 पेटी अवैध शराब मैकडोवल, शराब की अलग-अलग ब्रान्डो के उत्तराखंड के स्टीकर, उत्तराखण्ड शासन के मोनोग्राम व अन्य सामाग्री बरामद हुई जिस पर अभियुक्तो के विरुद्ध थाना नेहरू कालोनी पर म.अ.स. 302/2024 धारा 60/63/72 आबकारी अधिनियम एवं 3(5) 318(4),347(1) बीएनएस अभियोग पंजीकृत किया गया। पकड़े गये अभियुक्तों ने अपना नाम फईम पुत्र फुरकान निवासी-बुड्ढी, थाना मण्ड़ावली, जिला बिजनोर, उ0प्र0, उम्र 20 वर्ष, अहसान पुत्र शाबिर निवासी टीप, थाना मण्डावर, जिला बिजनोर, उ0प्र0, उम्र 25 वर्ष, मोसिन पुत्र लियाकत निवासी नया गांव, थाना मण्डावली, जिला बिजनोर, उ0प्र0, उम्र 32 वर्ष बताया। पुलिस द्वारा अभियुक्तों से की गयी पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनके द्वारा साहिल नाम के व्यक्ति के लिए काम किया जाता है, वे सभी उक्त अवैध शराब को साहिल द्वारा बताए स्थानों पर सप्लाई करते है। इतना ही नहीं साहिल द्वारा हरियाणा/चंडीगढ़ से सस्ते दामों पर अलग-अलग ब्रान्डों की अवैध शराब को खरीदकर देहरादून लाया जाता है तथा उनके द्वारा उन शराब की बोतलों पर लगे अलग-अलग ब्रान्डों के स्टीकर व मोनोग्राम हटाकर उतराखण्ड राज्य के स्टीकर व मोनोग्राम लगाये जाते है, जिससे वे उक्त शराब को आसानी से उत्तराखंड में बेच सके। उक्त शराब को उनके द्वारा सब्जी की खाली कैरेट में रखकर यूटीलिटी के माध्यम से देहरादून व अन्य जनपदों में ऊचे दामों पर बेचा जाता है।