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देहरादून। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो उत्तराखंड राज्य में निकाय चुनाव नववर्ष 2025 के प्रथम माह ( जनवरी) में हो सकते है। चुनावी अचार संहिता दिसंबर माह के अंतिम दिनों में लग सकती है। हालांकि निकाय चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशियों ने जनता जनार्दन की नब्ज अभी से टटोलनी शुरू कर दी है। बता दे कि राजभवन की मंजूरी हेतु भेजे गये संशोधन अध्यादेश में तकनीकी कारणों से लग रहे समय के चलते निकाय चुनाव की आधिसूचना में बिलम्ब होना तय माना जा रहा है। अब निकाय चुनाव की अधिसूचना 15 दिसम्बर के आस-पास जारी हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि संशोधन अध्यादेश राजभवन में मंजूरी प्रतीक्षारत सूची में है। अध्यादेश को राजभवन भेजे जाने के बाद उसी दौरान केदारनाथ उपचुनाव की आचार संहिता लागू हो गयी, जिसके चलते निकाय चुनावों को लेकर की जा रही कसरत आधे में ही अटक गयी। सूत्रों बताते है कि संशोधन अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद भी निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी होने में समय लग सकता है। क्योंकि अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद आरक्षण नियमावली में भी संशोधन होना है। यदि अध्यादेश को माह के आखिर तक मंजूरी मिल भी जाती है तो आरक्षण निर्धारण में समय का लगना तय है। ओबीसी आरक्षण निर्धारण होने के बाद इस पर आपत्तियों व दावे प्राप्त होने के बाद इनके निस्तारण में लगने वाली प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद पुनः पदों के आरक्षण के सम्बन्ध में फिर से इसी प्रक्रिया को दोहराया जायेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि निकाय चुनावों की अधिसूचना 15 दिसम्बर के आसपास ही जारी हो पायेगी। यद्यपि पूर्व में शासन ने हाईकोर्ट में चल रहे मामले में साफ किया था कि 25 दिसम्बर तक निकाय चुनाव करा लिये जायगे, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में य़ह संभव होना नहीं दिखायी दे रहा है।

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