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हल्द्वानी। आईसीएसई व सीबीएसई के साथ ही राज्य बोर्ड के कई स्कूलो में अभिभावको की जेब ढीली करने और छोटे बच्चों पर दबाव डालने का प्रयोग शुरू कर दिया है। कक्षा 6 के स्कूली बच्चों को जेईई एडवांस, जेईई, नीट परीक्षा की तैयारी कराने का मॉड्यूल तैयार किया गया है। अभिभावकों को लुभाया जा रहा है कि इन बच्चों को कक्षा 6 से ही इन परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा। कुछ अभिभावकों ने जहां इस व्यवस्था का समर्थन किया तो कुछ आपत्ति दर्ज कराने के लिए आगे आए है। अभिभावकों को स्कूलो द्वारा लुभाया जा रहा है। उन्हें तरह-तरह के सपने दिखाए जा रहे है। कोचिंग कंपनियों ने अभिभावकों को शिकंजे में जकड़ लिया है। इसमें मुख्य खलनायक स्कूल है। य़ह अभिभावकों पर दबाव बना रहे है। नाम न छापने की शर्त में एक नामी स्कूल के उप प्रधानाचार्य ने बताया कि कोचिंग कंपनियों ने उनके स्कूल में भी इस मॉड्यूल को लागू करने का प्रयास किया था लेकिन बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स ने इस पर आपत्ति जतायी। बात अगर उत्तराखंड के शिक्षा हब कहे जाने वाले मसूरी की करे तो वहां के बोर्डिंग स्कूलों ने भी इस कम्पनी के प्रवेश पर रोक लगा दी। लेकिन राज्य के कई डे-स्कॉलर्स और बोर्डिंग स्कूलो ने इन्हें हाथो हाथ लिया, इनमे उच्च मध्यम वर्ग के स्कूली छात्रों की संख्या अधिक है। एक ख्याति प्राप्त स्कूल के शिक्षक का तो यहाँ तक कहना है कि य़ह मॉड्यूल बहुत खतरनाक है इससे बच्चों के मानस पर विपरित असर पड़ेगा। उनपर बहुत अधिक दबाव बन सकता है। वह तमाम तरह की दिक्कतों से घिर जाएंगे। य़ह उनके बाल मानसिक स्तर पर भी प्रभाव डाल सकता है। बता दे कि कुछ वर्ष से इस मॉड्यूल को लागू करने की कोशिश की गई लेकिन वह परवान नहीं चढ़ पाया। अब आउटर इलाके में खुले तमाम कारपोरेट स्कूलों ने इस पर पहल शुरू कर दी है।

                            क्रमश:
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