

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले के बदरीनाथ के पास स्थित माणा में शुक्रवार को आए भारी हिमस्खलन (एवलॉन्च) के बाद मलबे में दबे बीआरओ (बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन) के मजदूरों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का काम शुरू कर दिया गया है। यह एवलॉन्च माणा क्षेत्र में हुआ था, जहां भारी बर्फबारी के कारण कई मजदूर मलबे में दब गए थे।
हेली रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
रेस्क्यू ऑपरेशन में ज्योतिर्मठ बेस कैम्प से हेली रेस्क्यू की शुरुआत की गई है। फिलहाल, दो निजी हेलीकॉप्टर बदरीनाथ धाम की ओर भेजे गए हैं ताकि ऑपरेशन में तेजी लाई जा सके। सड़क मार्ग पर लामबगड़ से आगे भारी हिमपात होने की सूचना है, जिससे वहां से रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था। इसलिए, अब हेली रेस्क्यू ऑपरेशन पर पूरा फोकस किया गया है।
मौसम में सुधार, रेस्क्यू में तेजी
अच्छी खबर यह है कि अब मौसम सामान्य हो गया है और बर्फबारी थम चुकी है। मौसम में सुधार के बाद, जोशीमठ से हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को फिर से शुरू कर दिया गया है। इस ऑपरेशन में डीएम चमोली और आपदा प्रबंधन के तमाम अधिकारी जोशीमठ में मौजूद हैं। इसके साथ ही, 150 से अधिक बचाव कर्मी जोशीमठ और गोविंद घाट गुरुद्वारे से माणा के एवलॉन्च साइट की ओर रवाना हो चुके हैं।
सीएम धामी भी रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग के लिए जोशीमठ पहुंच सकते हैं
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करने के लिए जोशीमठ जाने की योजना बनाई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए वे सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं और लगातार स्थिति का अपडेट ले रहे हैं।
बीआरओ ने जारी की मजदूरों की सूची
इस बीच, बीआरओ/प्रशासन ने एवलॉन्च की चपेट में आए मजदूरों की लिस्ट भी जारी की है। ये मजदूर बीआरओ द्वारा चमोली जिले में चलाए जा रहे निर्माण कार्यों में लगे हुए थे। राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देते हुए सरकार और स्थानीय प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि मलबे में दबे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जानकारी ली है और अधिकारियों को हर संभव मदद प्रदान करने का निर्देश दिया है।





