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शैक्षणिक व अन्य योग्यताओं को दरकिनार कर नियुक्ति दिए जाने को लेकर प्रबंध निदेशक से शिकायत

देहरादून : उत्तराखंड के यूएसआईडीसीएल यानी
ब्रिडकुल में जीएम एचआर के पद को लेकर शिकायत की गई है। लगभग 10 वर्ष पूर्व हुई इस नियुक्ति में आवश्यक शैक्षणिक योग्यता व कार्यानुभव की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। प्रबंध निदेशक से इसकी शिकायत कर जांच की मांग की गई है। विभागीय प्रमुख ने हालांकि ऐसी किसी शिकायत से अनभिज्ञता जताई है और साथ में यह भी कहा है कि यह मामला मेरी तैनाती से पहले का है, इस कारण अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती शिकायतकर्ता कालसी निवासी विनोद प्रसाद के अनुसार ब्रिडकुल में 15 जुलाई 2014 को जनरल मैनेजर एचआर पद के लिए वैकेंसी निकली। एक पद के लिए वैकेंसी थी, उसका पे-स्केल पीबी-4 था और पे-बैंड 37400-67000 था और कंसोलिडेटेड सैलरी 69000 रुपये थी। अर्हता मांगी गई थी एमबीए अथवा एचआर के साथ पीजीडीबीए की डिग्री। इसके साथ ही सरकारी, अर्द्ध सरकारी, पब्लिक सेक्टर या निजी क्षेत्र के किसी लिमिटेड कंपनी में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन और ऑफिस प्रोसेड्यूर में 15 साल के अनुभव की अपेक्षा की गई थी। तीन अभ्यर्थियों वीरेंद्र कुमार, जयपाल सिंह और अनूप कुमार ने संबंधित पद के लिए आवेदन किया। वीरेंद्र कुमार की योग्यता एमबीए (एचआर-आईआर) 2011, पर्सनल मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल रिलेशन में डिप्लोमा (1995), एचआरडी में पोस्ट डिप्लोमा (1996) और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिप्लोमा (2001) थी। उन्होंने अपना अनुभव 23 वर्ष 11 महीने का दिखाया था। जयपाल सिंह की योग्यता पीजीडीबीएम आईआर 1993, एलएलबी 1995 और एमबीए (एचआर) अक्तूबर 2010 का दिखाया है। उन्होंने अपना कार्य अनुभव 19 वर्ष एक महीने का दिखा रखा है। तीसरे आवेदक अनूप कुमार ने अपनी योग्यता मास्टर्स डिग्री इन पर्सनल मैनेजमेंट एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन (एमपीएम एंड आईआर) अगस्त 1996 तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर 1994 दिखा रखा है। उन्होंने अपना कुल कार्य अनुभव 17 वर्ष नौ महीने का दिखाया है। शिकायत करने वाले का आरोप है कि योग्यता और कार्य अनुभव के आधार पर अनूप कुमार न केवल अन्य दोनों अभ्यर्थियों से पीछे थे, बल्कि विभाग द्वारा मांगी गई अर्हता को पूरा भी नहीं कर रहे थे। इसके बावजूद उन्हें सभी नियमों को दरकिनार कर नौकरी दी गयी और दो योग्य अभ्यर्थियों को बाहर का रास्ता देखना पड़ा। आरोप यह भी लगाया गया है कि अपने लगभग दस वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने विभाग के लिए अपनी कोई उपयोगिता साबित नहीं की है। यह भी आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार व शैक्षणिक अहर्ता नहीं रखने की शिकायत को विभाग के स्तर पर बार-बार दबाया जाता रहा है। शिकायतकर्ता ने प्रबंध निदेशक के इस संबंध में उचित कार्रवाई की मांग की है। उधर, इस मामले में जीएम एचआर का कहना है कि उनके खिलाफ पहले भी शिकायत हुई है, लेकिन जांच में कुछ नहीं पाया गया।

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जीएम एचआर के पद पर हुई नियुक्ति शासन का मामला है। शासन ने इसके लिए अप्वाइंटमेंट कमेटी बनाई होगी और सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद ही नियुक्ति दी होगी। आवश्यक शैक्षणिक अर्हता नहीं रखने वाले व्यक्ति को नियुक्ति देने का सवाल ही नहीं है। शासन स्तर का मामला होने के कारण वह इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। रही बात शिकायत की तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

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-एनपी सिंह, प्रबंध निदेशक ब्रिडकुल


यह मामला मेरे कार्यकाल से पहले का है। ऐसी कोई शिकायत शासन के संज्ञान में नहीं आई है। यदि नियुक्ति में योग्यता और कार्यानुभव को दरकिनार किया गया है और ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो पूरे प्रकरण की जांच करायी जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।

-पंकज पांडेय , सचिव लोक निर्माण विभाग

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मेरे खिलाफ इस तरह की गलत शिकायतें पहले भी हुई हैं, लेकिन जांच में मेरे सभी तथ्य सही पाए गए हैं।
अनूप कुमार, जीएम एचआर

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