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देहरादून: उत्तराखंड में प्रतिपूर्ति वनीकरण के बजट का दुरुपयोग लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। वन विभाग द्वारा वनीकरण और जन जागरूकता के लिए निर्धारित बजट का खर्चा नियमों के विपरीत अन्य कार्यों में किया गया है। इन खर्चों में आईफोन, कूलर, फ्रिज, भवनों की मरम्मत और अन्य उपकरणों की खरीद शामिल है, जो इस बजट की मूल मंशा से पूरी तरह अलग थे।

वन विभाग को यह मुद्दा कैग की रिपोर्ट के माध्यम से सामने आया, जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि इस फंड का खर्च वन संरक्षण और वनीकरण के अलावा अन्य कार्यों में किया गया, जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध थे।

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इस मामले के बारे में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह 2019 से 2022 के बीच का मामला है, और जैसे ही इसे उनके ध्यान में लाया गया, उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं।

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यह पूरा मामला उन अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल उठाता है जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर इस फंड का दुरुपयोग किया। उत्तराखंड में इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं की गई थी। अब देखना होगा कि इस बार जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है।

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