हल्द्वानी। सावन का सबसे खास व्यंजन है घेवर। अधिकतर लोग इसे सावन में खाना पसंद करते हैं। बरसात के मौसम में कई तरह के व्यंजन बनते है। लेकिन घेवर की बात ही कुछ अलग है। आसमान में बादल व बरसात में भिगा मौसम ऐसे में घेवर की भीनी खुशबु लोगों को खूब भाती है। सावन माह में बजारो में मिष्ठान भण्डार व हलवाई की दुकानों पर बन रहा घेवर व पहले से तैयार किया घेवर अपनी खुशबु से सभी का मन ललचा देता है। सावन का महीना शुरू होते ही बाज़ार में घेवर की सुगंध महकने लगती है। वहीं दूसरी और सावन के माह दुकानों पर कई प्रकार के घेवर को तैयार किया जाता है। इसमें सादा व मलाई घेवर के साथ चॉकलेट घेवर भी उतारा गया है। वहीं, बादाम, पिस्ता, केसर, रोज जैसी कई स्वादिष्ट वैरायटी भी मिठाइयों की दुकानों पर तैयार की जा रही है। सावन के महीने में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली मिठाई घेवर ही होती है। सावन शुरू होते ही इसे बनाने की तैयारी शुरू हो जाती है। उत्तर प्रदेश एन एच 74 धामपूर रोड़ स्टेशन चौक नगीना स्थित तुलाराम फूड प्लाजा के संचालक मोहित गुप्ता ने बताया कि सबसे ज्यादा मलाई घेवर पसंद किया जाता है। वहीं, ड्राई घेवर व मलाई घेवर की लाइफ दो दिन की ही होती है। उन्होंने बताया कि य़ह व्यंजन सावन के महीने में ही तैयार किया जाता है व रक्षाबंधन के त्यौहार के दूसरी मिठाइयाँ इसका इसकी जगह ले लेती है।
बता दे कि सावन में बेटियों व नवविवाहिता को सिंधारे के रूप में माता पिता कपड़ों के साथ शगुन के रूप में घेवर व गुजियां भेंट करते हैं। सावन का महीना लगते ही सिंधारे शुरू हो गए हैं। जिससे देखते हुए घेवर का बाजार भी सजकर तैयार हो जाता है।
सावन का महीना शुरू होते ही मन अठखेलियां करने लगता है। बारिश की रिमझिम फुहारें, पेड़ों पर पड़े झूले, महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले सावन के गीत, हंसी ठिठौली और मुंह मीठा करने के लिए घेवर की मिठास । यह सब सावन में ही देखने को मिलता है। लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर बाजार आने वाले त्योहारों के सीजन के लिए तैयार हो गया है। मिठाई की दुकानें भी सज गई है।
ये है रेंज
सादा घेवर 380
मलाई वाला घेवर 500 रुपये से 600 रुपये तक
> आम घेवर 400 रुपये से 500 रुपये तक
> शुगर फ्री घेवर 700 रुपये से 800 रुपये किलो तक
> चॉकलेट घेवर 500 से 800 रुपये किलो तक