कोचिंग सेंटरों की अब तक नहीं बन पायी उत्तराखंड में कोई गाइड लाईन
हल्द्वानी। देशभर में कुकरमुतों की तरह उग आये कोचिंग सेंटरों में कही आग लगने से तो कही बेंसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पानी भरने से छात्रों की मौत की खबरे मीडिया की सुखियां बन रही है। उत्तराखंड में भेड़चाल की तर्ज पर चल रहे कोचिंग सेंटरों को लेकर अभी तक कोई गाइड लाईन ही नहीं बन पायी है। लगता है उत्तराखंड में सरकार किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। हालांकि कुछ दिन पूर्व सूबे के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कोचिंग सेंटरों को लेकर एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने प्रदेश में कोचिंग सेंटरों को लेकर मजबूत गाइड लाईन बनाये जाने की बात कही थी। यहां बता दे कि प्रदेश में भी लगातार कोचिंग सेंटरों से जुड़ा व्यवसाय दिन दुनी प्रगति कर रहा है। अखबारों के पहले पेज पर छपने वाला कोचिंग सेंटरों के विज्ञापन व शहर की सड़कों पर दिखाई देने वाले बड़े बड़े होल्डिंग्स इस बात की तस्दीक करता है कि कोचिंग सेंटरों का व्यवसाय खूब फल-फूल रहा है, पर इन कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर मानकों का कितना ध्यान रखा गया है इसका कोई सुधलेवा नहीं है, क्योकि जिन अधिकारियों के कन्धों पर इन कोचिंग सेंटरों के कार्यशैली देखरेख की जिम्मेदारी है वे प्रदेश में कोई ठोस गाइड लाईन न होने से इनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाही अमल में लाने से कतराते है। इसलिये जरूरी है कि प्रदेशभर में संचालित कोचिंग सेंटरों को लेकर मजबूत गाइड लाईन बने ताकि समय रहते दिल्ली जैसे हादसों की, यहां पुनरावृति होने से रोका जा सके।
विज्ञापनों के लिये कहां से आ रहा पैसा: धनखड
कोचिंग सेंटरों द्वारा समाचार पत्रों के मुख पृष्ठ पर लगने वाले विज्ञापनों के लिये कहां से इतना पैसा लाया जा रहा है। यह हम नहीं कह रहे है बल्कि राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड ने राज्य सभा में दिल्ली के कोचिंग सेंटरों में हुये तीन छात्रों की मौत के मामले में विचार रखते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहां कि कोचिंग सेंटरों की कार्य संस्कृति अब गैस चैंबर में बदल गयी है। उन्होंने कहां कि मुझे लगता है कि आज के दौर में कोचिंग वास्तव में व्यापार का जरियां बन गयी है। उन्होंने कहां कि जिस तरह से ऐसे संस्थानों में कमाई की जा रही है उसे लगता है कि शिक्षा के व्यवसायीकरण के मामले में कोचिंग सेंटर आगे निकल गये है।
कोचिंग सेंटरों का सिटी मजिस्ट्रेट ने किया स्थलीय निरीक्षण
दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुयी तीन छात्रों की मौत के बाद आज मंगलवार को यहां हल्द्वानी में भी प्रशासन हरकत में दिखा। शहर में बेंसमेंट में संचालित किये जा रहे ऐसे तमाम कोचिंग सेंटरों का सिटी मजिस्ट्रेट ने स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही व्यवस्थाओं को भी परखा। कोई कोचिंग सेंटर स्वामियों द्वारा सेन्टर से सम्बन्धित अभिलेख प्रस्तुत न किये जाने पर उन्हें नोटिस निर्गत किये गये।