नैनीताल। में यूजीसी एमएमटीटीसी में डेस्टिनेशन टूर गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि माननीय विधायक नैनीताल सरिता आर्य, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत और विशिष्ट अतिथि हेमंत बिष्ट जी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस शानदार कार्यक्रम में स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों, प्रशिक्षकों और प्रशिक्षणार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। अतिरिक्त निदेशक पूनम चंद ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर जानकारी दी कि उत्तराखंड में 1560 गाइड्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जो गाइड्स उत्कृष्ट कार्य करेंगे, उन्हें पर्यटन विभाग द्वारा एक नए मंच पर लाया जाएगा और उन्हें एफएएम (फैमिलियराइजेशन) टूर पर ले जाया जाएगा। इसके साथ ही, इन प्रशिक्षुओं के लिए हेरिटेज वॉक का आयोजन भी किया जाएगा। इन सभी गाइड्स को जॉबकार्ड्स प्रदान किए गए हैं और ये सभी अपने क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। इस पहल से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रशिक्षित गाइड्स का प्रदर्शन अत्यंत सराहनीय रहेगा। डॉ. रंजन तिवारी, कुमाऊं विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रमुख, ने उद्घाटन दिवस पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और जिम कॉर्बेट की कहानी पर एक विशेष सत्र लिया। उन्होंने जिम कॉर्बेट के ऐतिहासिक कारनामों, अनसुनी कहानियों और छिपे हुए तथ्यों को विस्तार से बताया। यह कहानी गाइड्स को प्रेरित करने के उद्देश्य से साझा की गई ताकि वे अपने काम में समर्पण और जुनून ला सकें। इस अवसर पर डेस्टिनेशन टी-शर्ट, कैप्स और फोल्डर्स का वितरण किया गया। विधायक सरिता आर्य ने नैनीताल के विद्यार्थियों के लिए इस पहल को अत्यंत लाभकारी बताया। उन्होंने नैनीताल के ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जानकारी दी और पर्यटन विभाग को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया। हेमंत बिष्ट जी ने कार्यक्रम का उत्कृष्ट संचालन किया और नैनीताल की अनसुनी कहानियों और सांस्कृतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 30 प्रशिक्षार्थियों का चयन किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 29 जून को होगा और 28 जून को परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा के उपरांत प्रमाणपत्र और जॉबकार्ड का वितरण किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षार्थियों को नैनीताल और उसके आस-पास के पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी प्रदान करना और उन्हें एक कुशल टूर गाइड के रूप में तैयार करना है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं।
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