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रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की देवभूमि में एक बार फिर आस्था का सैलाब उमड़ा है. शुक्रवार सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए. बैशाख मास, मिथुन राशि और वृष लग्न में विधिपूर्वक हुए इस शुभ मुहूर्त में मंदिर के कपाट खुलते ही पूरी घाटी ‘हर हर महादेव’ और ‘जय बाबा केदार’ के नारों से गूंज उठी.
करीब 15 हजार श्रद्धालु उस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने जब बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली के स्वागत के साथ ही मंदिर के पट खुले. गुरुवार को उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से चली डोली जब केदारनाथ पहुंची तो श्रद्धा की एक अंतहीन धारा उसके साथ चली आई. बाबा केदार की इस यात्रा में भक्तों का कारवां भी झूमता हुआ साथ-साथ चला कुछ पैदल, कुछ डंडियों के सहारे, लेकिन हर किसी के भीतर एक जैसी श्रद्धा.
केदारनाथ मंदिर को इस मौके पर 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया रंग, खुशबू और भक्ति का संगम जैसे किसी अलौकिक संसार की अनुभूति करा रहा हो. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद मौजूद रहे और बाबा केदार के जयकारों में सम्मिलित हुए. चारधाम यात्रा की बात करें तो यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट पहले ही 30 अप्रैल को खुल चुके हैं. अब बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे. इसके साथ ही चारधाम यात्रा का औपचारिक आरंभ हो जाएगा, जो अक्टूबर-नवंबर तक चलेगी. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि धामी सरकार अब शीतकालीन चारधाम यात्रा को भी बढ़ावा दे रही है. जब पहाड़ों पर बर्फ पड़ती है और चारों धामों के कपाट बंद हो जाते हैं, तब भी आस्था का दीप बुझता नहीं. शीतकालीन यात्रा में इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे.
तो ये सिर्फ यात्रा नहीं, आस्था का उत्सव है जो हिमालय की ऊंचाइयों से उतरकर श्रद्धालुओं के दिलों में बसता है.

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