

नैनीताल। ब्रिटिश कालीन विरासत और काष्ठ-आधारित भवनों के लिए प्रसिद्ध नैनीताल नगर में हाल ही में आग की घटनाओं के बाद अग्नि सुरक्षा को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल ने नगर क्षेत्र में स्थापित फायर हाइड्रेंट्स की व्यापक जांच के लिए एक संयुक्त समिति के गठन के आदेश जारी किए हैं।
जारी पत्र के अनुसार, नैनीताल की पुरातन निर्माण शैली को देखते हुए आग लगने की स्थिति में जोखिम अधिक है, ऐसे में नगर क्षेत्र में उपलब्ध फायर हाइड्रेंट्स की कार्यशीलता और दमकल वाहनों की पहुंच का सम्यक आकलन अत्यंत आवश्यक माना गया है।
समिति में परगना अधिकारी नैनीताल, अधिशासी अभियंता उत्तराखण्ड जल संस्थान नैनीताल तथा अग्निशमन अधिकारी फायर स्टेशन नैनीताल को शामिल किया गया है। यह समिति स्थलीय निरीक्षण कर सात दिनों के भीतर विस्तृत और तथ्यपरक जांच प्रतिवेदन जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करेगी।
प्रशासन को उम्मीद है कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर नगर में अग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यक सुधारात्मक कदम त्वरित गति से उठाए जा सकेंगे। जांच आदेश की प्रतिलिपि उप जिलाधिकारी नैनीताल, अधिशासी अभियंता उत्तराखण्ड जल संस्थान तथा अग्निशमन अधिकारी फायर स्टेशन नैनीताल को अनुपालन हेतु भेजी गई है।
समिति करेगी निम्न बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार
नगर क्षेत्र में स्थापित फायर हाइड्रेंट्स में से क्रियाशील एवं अक्रियाशील हाइड्रेंट्स का पृथक विवरण।
प्रत्येक हाइड्रेंट तक दमकल वाहनों की वास्तविक पहुँच क्षमता का परीक्षण।
मरम्मत, प्रतिस्थापन या अतिरिक्त फायर हाइड्रेंट्स की स्थापना से संबंधित तकनीकी व प्रशासनिक अनुशंसाएँ।
हाइड्रेंट्स तक सीधे पानी की सप्लाई की संभावनाओं का मूल्यांकन।
