ख़बर शेयर करें -

पत्रकारिता के बदलते स्वरूप की नई परिभाषा

हल्द्वानी: पत्रकारिता की परिभाषा में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि यह बात उत्तराखंड के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कही है। उनका मानना है कि डिजिटल पोर्टल चलाने वाले या यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से खबरें फैलाने वाले लोग पत्रकारिता की श्रेणी में नहीं आते हैं। वे इन्फ्लुएंसर होते हैं, यानी वे लोग जो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं और जिनका अनुसरण करने वाले होते हैं।
गौरतलब है कि डिजिटल पोर्टल और इसके माध्यम से पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के बारे में अब तक कोई स्पष्ट विमर्श नहीं हुआ था, जिससे यह तय हो सके कि मुख्य धारा की पत्रकारिता और डिजिटल पोर्टल पत्रकारिता में क्या अंतर है। यह सिर्फ उत्तराखंड का ही मुद्दा नहीं है, बल्कि देशभर की पत्रकारिता में एक बड़ा प्रश्न बन चुका है। डिजिटल पोर्टल चलाने वाले पत्रकारों को किस श्रेणी में रखा जाएगा, यह अभी तक साफ नहीं है।

उत्तराखंड की स्थिति

यह भी पढ़ें 👉  आमजन के लिये किसी खतरे से कम नहीं है आवारा पशु

उत्तराखंड में यह स्पष्ट हो चुका है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर खबरें फैलाने वाले लोग पत्रकारिता में नहीं आते। वे सोशल मीडिया के इन्फ्लुएंसर होते हैं, न कि पत्रकार। यह सवाल उठता है कि क्या वे लोग, जिन्होंने पहले पत्रकारिता की और अब डिजिटल पोर्टल चला रहे हैं, वे भी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की श्रेणी में आएंगे या नहीं?

डिजिटल पोर्टल का मतलब

डिजिटल पोर्टल का सीधा मतलब है फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य किसी माध्यम से सूचनाएं जनता तक पहुंचाना। यही काम समाचार पोर्टल भी कर रहे हैं, जहां खबरें डिजिटल रूप में पब्लिश की जाती हैं। हालांकि, उत्तराखंड सरकार सोशल मीडिया रेगुलेशन एक्ट के तहत काम कर रही है, फिर भी यह स्पष्ट है कि डिजिटल पोर्टल चलाने वाले लोग पत्रकारिता की श्रेणी में नहीं आते।

इन्फ्लुएंसर बनाम पत्रकार

यहां पर सवाल यह उठता है कि अगर कोई आम व्यक्ति फेसबुक लाइव के माध्यम से सूचनाएं जनता तक पहुंचाता है, और उसकी व्यूवरशिप अच्छी है, तो क्या वह पत्रकार माना जाएगा? अगर ऐसा होता है, तो फिर वह व्यक्ति सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है, पत्रकार नहीं।

यह भी पढ़ें 👉  फसाने की तह में सुलग रहा डॉक्टर का कड़वा सच

सोशल मीडिया और पत्रकारिता के बीच अंतर

सोशल मीडिया और डिजिटल पोर्टल के बीच कोई फर्क नज़र नहीं आता है। डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया दोनों ही सूचना के प्रसारण के नए तरीके हैं, जिनका पत्रकारिता से सीधा संबंध नहीं है। प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जो अंतर है, वही अंतर डिजिटल मीडिया में भी है। डिजिटल पोर्टल में समाचार पब्लिश होने के बाद यह सीधे जनता तक पहुंचता है, जैसे प्रिंट मीडिया में अखबार छाप कर जनता तक पहुंचाया जाता है।

नए दौर में पत्रकारिता का सवाल

आज के समय में जब पुराने और वरिष्ठ पत्रकार भी डिजिटल पोर्टल के माध्यम से पत्रकारिता कर रहे हैं, तो यह सवाल और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। क्या डिजिटल प्लेटफार्म पर काम करने वाले लोग पत्रकार हैं या फिर वे सिर्फ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं? इस पर गहराई से विचार-विमर्श की जरूरत है।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad

Comments