47 बच्चे थे भर्ती
झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार देर रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 11 बच्चों की मौत हो गई। झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने इस घटना की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल के साथ झांसी के लिए रवाना हो गये हैं। जिलाधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि मेडिकल कॉलेज में मौके पर उपस्थित अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रात साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) की एक यूनिट में संभवतया शार्ट सर्किट से आग लग गयी।
उन्होंने कहा कि एनआईसीयू में एक बाहर की यूनिट और एक अंदर की यूनिट होती है। उन्होंने कहा कि जो बाहर की तरफ बच्चे थे लगभग सभी बचा लिए गए हैं, लेकिन अंदर की यूनिट से 11 बच्चों के मृत होने की सूचना मिली है। जिलाधिकारी ने कहा कि बचाव कार्य जारी है। अग्निशमन दल और राहत-बचाव टीम द्वारा काफी बच्चों को बचाया गया। झुलसे बच्चों का उपचार जारी है और जो गंभीर रूप से घायल हैं, उनकी सूचना एकत्र की जा रही है। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए एक समिति मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में बनाई गई है। झांसी नगर क्षेत्र के अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) योगेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में आग लगने से दम घुटने और झुलसने से 11 बच्चों की मौत हुई है, जिनके शव निकाले जा चुके हैं। सिंह ने बताया कि अब तक 30 से ज्यादा बच्चों को बचाया जा चुका है। दमकल विभाग की छह गाड़ियां आग बुझाने में लगी और अब आग पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस वार्ड में 47 नवजात शिशु भर्ती थे। झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि अग्निशमन दल को मौके पर भेजा गया, जबकि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं। एसएनसीयू में आग से उसके गलियारे में धुआं भर गया। वीडियो में दिखाया गया है कि बचाव और राहत कार्यों में मदद के लिए दमकल कर्मियों ने कुछ कांच की खिड़कियां तोड़ दीं।
मेडिकल कॉलेज से कथित तौर पर सामने आए दृश्यों में मरीज और उनके तीमारदार घबराए हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए हादसे के मद्देनजर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सकों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।