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देहरादून। परिसीमन के बाद प्रदेश में ग्राम पंचायतों का भूगोल बदल गया है। नये परिसीमन के बाद जहां कुछ जिलों में ग्राम पंचायतोें की संख्या घटी है। वहीं कुछ में यह संख्या पहले की अपेक्षा बढ़ गई है। इसी के चलते नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में एक-एक, पौड़ी में पांच ग्राम पंचायतें कम हुई है। जबकि बागेश्वर में तीन, चंपावत में एक, टिहरी गढ़वाल में 15, चमोली में चार, उत्तरकाशी में 13, व देहरादून में 8 नई ग्राम पंचायतों का सृजन किया गया है। पंचायतीराज विभाग की ओर से रिपोर्ट के मुताबिक नए परिसीमन के बाद अब राज्य में 7795 की जगह 7832 ग्राम पंचायते हो गई है। ऐसे में राज्य में 37 नई ग्राम पंचायत सृजित की गई है। दिलचस्प पहलू हुई है कि जहां पौड़ी, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जैसे जिलों में ग्राम पंचायतें में कम हुई है, वहीं बागेश्वर, चम्पावत, टिहरी गढ़वाल, चमोली उत्तरकाशी और देहरादून जैसे जिलों में ग्राम पंचायतों का आंकड़ा बढ़ गया है। पंचायतीराज विभाग के उपनिदेशक मनोज तिवारी के मुताबिक अल्मोड़ा, बागेश्वर, रूद्रप्रयाग और हरिद्वार जैसे जिलों में ग्राम पंचायतों का आंकड़ा यथावत है और नए परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में एक-एक, पौड़ी में पांच ग्राम पंचायतें कम हुई है। जबकि बागेश्वर में तीन, चंम्पावत में एक, टिहरी गढ़वाल में 15, चमोली में चार, उत्तरकाशी में 13 और देहरादून में आठ नई ग्राम पंचायतों का सृजन किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अब अल्मोड़ा में 1160, नैनीताल में 478, बागेश्वर में 405, पिथौरागढ़ में 686, चंपावत में 314, ऊधमसिंह नगर में 374, पौड़ी में 1168, टिहरी गढ़वाल में 1049, चमोली में 614, रूद्रप्रयाग में 334, उत्तरकाशी में 521, देहरादून में 409 और हरिद्वार में कुल 318 ग्राम पंचायतें हो गई है।

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