ख़बर शेयर करें -

बोले- अफसर दोषी मिले तो छोड़ेंगे नहीं

दिल्ली। नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली बार गड़बड़ी की बात मानी है। उन्होंने रविवार को कहा कि नीट के रिजल्ट में कुछ गड़बड़ियां हुई हैं। जो भी बड़े अधिकारी इसमें शामिल पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने माना कि परीक्षा लेने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में सुधार की जरूरत है।
प्रधान ने कहा कि नीट के संबंध में दो तरह की अव्यवस्था का विषय सामने आया है। पहला- शुरूआती जानकारी थी कि कुछ स्टूडेंट्स को कम समय मिलने के कारण ग्रेस नंबर दिए गए। दूसरा- दो जगहों पर कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं। मैं छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि इसे भी सरकार ने गंभीरता के साथ लिया है। नीट की परीक्षा इसी साल 5 मई को हुई थी। इसमें 23 लाख 30 हजार स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इस दौरान लोकसभा के चुनाव भी हो रहे थे। 4 जून को लोकसभा के साथ नीट के भी रिजल्ट जारी किए गए। इसमें 67 स्टूडेंट्स को पूरे 720 मार्क्स दिए गए। नीट की परीक्षा के इतिहास में पहली बार इतने छात्र टॉप स्कोरर रहे। इस पर कई स्टूडेंट्स ने सवाल उठाए। परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट समेत 7 हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर हुई हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट एक साथ जोड़कर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा। इनमें नीट पेपर लीक और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। इससे पहले 13 जून को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच में तीन याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान एनटीए ने कोर्ट को तीन बातें कहीं। नीट-यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद किए जाएंगे। इन उम्मीदवारों को 23 जून को फिर से परीक्षा देनी होगी। रिजल्ट 30 जून से पहले जारी किए जाएंगे। 1,563 से ज्यादा उम्मीदवारों के परिणामों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई है। स्टूडेंट शिवांगी मिश्रा और 9 अन्य छात्रों ने रिजल्ट की घोषणा से पहले 1 जून को दायर की। काउंसलिंग पर रोक लगाने के साथ परीक्षा रद कर जांच की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। पिटीशनर हितेश सिंह कश्यप ने दायर की। गुजरात के गोधरा में जय जलाराम परीक्षा सेंटर को चुनने के लिए कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड आदि राज्यों में 26 छात्रों ने 10-10 लाख रुपये घूस दी थी। याचिका में पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग की गई है। सुनवाई 8 जुलाई को होगी। फिजिक्सवाला के को-फाउंडर अलख पांडेय ने 1563 स्टूडेंट को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के खिलाफ याचिका लगाई। 13 जून को सुनवाई हुई। एनटीए ने कहा कि 1563 स्टूडेंट्स के ग्रेस मार्क्स रद कर दिए जाएंगे। सभी स्टूडेंट्स के रिजल्ट बिना ग्रेस मार्क्स के जारी किए जाएंगे। ये फिर से एग्जाम दे सकते हैं। 15 जून को लगाई गई इस याचिका में 20 स्टूडेंट्स ने नीट एग्जाम रद करने और फिर से एग्जाम कराने की मांग की है। साथ ही मामले की जांच सीबीआई या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad
यह भी पढ़ें 👉  मनगढ़ घटना सहित 11 माइंस की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो जांच

Comments

You cannot copy content of this page