-अधिवक्ता हत्याकांड में चचेरा भाई दिनेश नैनवाल गिरफ्तार
-रामलीला मंचन के दौरान सरेआम गोली मार कर भाग गया था अभियुक्त
हल्द्वानी। कहते हैं हर जुर्म के पीछे तीन ही वजह होती हैं- जर, जोरू और जमीन। कमलुवागांजा क्षेत्र में रामलीला मंचन के दौरान अधिवक्ता उमेश नैनवाल की गोली मारकर की गई हत्या के पीछे भी इनमें से एक वजह निकली। यह वजह जमीन थी और भाई ने ही जमीन के लिए चचेरे भाई पर गोलियां दाग कर उसका कत्ल कर दिया। पुलिस ने आज बुधवार को इस मामले में खुलासा करते हुए अभियुक्त दिनेश नैनवाल की गिरफ्तारी का ऐलान किया।
सोमवार देर रात कमलुवागांजा क्षेत्र में रामलीला का मंचन हो रहा था। रामलीला देखने पुरनपूर नैनवाल लामाचौड़ निवासी उमेश नैनवाल ( 45 वर्ष) भी आया था। उमेश का चचेरा भाई दिनेश नैनवाल भी रामलीला देखने पहुंचा था। इसी दौरान दोनों में जमीनी विवाद को लेकर बहस हो गई। बहस इतनी उग्र हो गई कि दिनेश नैनवाल ने चचेरे भाई उमेश नैनवाल को गोली मार दी और मौके से फरार हो गया। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी और घायल को एक निजी अस्पताल में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उमेश को मृत घोषित कर दिया। हत्याकांड की सूचना पर एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
पुलिस ने आज इस मामले में कल रात पुलिस चेकिंग के दौरान लामाचौड़ क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट के पास से अभियुक्त दिनेश की गिरफ्तारी दिखाते हुए बताया कि दोनों भाइयों के बीच उनके चाचा हेम चंद्र नैनवाल की पूरनपुर नैनवाल स्थित करीब 18-19 बीघा जमीन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। करीब 3-4 माह पूर्व दिवंगत हो चुके चाचा का कोई वारिस नहीं था। इसलिए परिवार के अधिकांश सदस्य उनकी जमीन को स्कूल, पार्क या किसी सामाजिक संस्था को दान करना चाह रहे थे। पुलिस के अनुसार अभियुक्त दिनेश ने बताया कि मृतक उमेश इस फैसले से असहमति जताते हुए जमीन पर दावा कर रहा था। इसी विवाद के चलते उसने रामलीला के दौरान गुस्से में आकर उमेश की हत्या कर दी। पुलिस ने अभियुक्त से 312 बोर का एक अवैध तमंचा व कारतूस बरामद होना भी दिखाया है, इसलिए अभियुक्त के विरुद्ध हत्या संबंधी धाराओं के अलावा 3/25 आर्म्स एक्ट भी लगाया गया है। पुलिस टीम की तत्पर कार्रवाई को देखते हुए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने टीम को अढाई हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। मामले की विवेचना मुखानी के थानाध्यक्ष विजय सिंह मेहता कर रहे हैं।