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हल्द्वानी। भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष नफीस अहमद खान की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान हत्या दिवस का मतलब है कि संविधान मर चुका है। भाजपा द्वारा प्रत्येक वर्ष में 25 जून को कांग्रेस द्वारा 1975 में लगाई गई इमरजेंसी के दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है वाकई में वो काला दिन है इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है परंतु भाजपा के संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का भीम आर्मी कड़े शब्दों में निंदा करती है क्योंकि एमरजेंसी लगाने का प्रावधान संविधान की धारा 352, 358 में राष्ट्रपति को यह पॉवर देता है कि देश की सुरक्षा को यदि खतरा हो तो संविधान की धारा 352 का प्रयोग करते हुए इमरजेंसी लगा दी जाए। इसलिए 25 जून को संविधान की हत्या नही हुई है। हां उस दिन लोकतंत्र की हत्या हुई थी, आम जनता के मौलिक अधिकारों की हत्या हुईन थी वो भारत के इतिहास का सबसे काला दिन था। भाजपा को अगर विरोध दिखाना ही है तो लोकतन्त्र की हत्या दिवस के रूप में मना सकते हैं। संविधान की हत्या तो प्रति दिन भाजपा करती आ रही है,सभा मे सिराज अहमद, जी आर टम्टा, नफीस अहमद खान, विकास कुमार, आर पी गंगोला, विनोद कुमार बौध्द, दीपक चनियाल, शंकर लाल, गजेंद्र पाल सिंह, अहमद अली, हरीश लोधी, मनीष गौतम, नवीन मूलनिवासी, सुनील कुमार, बालकिशन राम, प्रकाश राम टम्टा, आर आर आर्य, मोहन लाल, गंगा प्रसाद, गुड्डू वारसी मुख्य रूप से मौजूद थे।

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