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हल्द्वानी: साल 2024 में उत्तराखंड के राजनीतिक समीकरण उत्तराखंड का राजनीतिक साल 2024 अत्यंत महत्वपूर्ण रहा, जहां एक तरफ लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की, वहीं दूसरी तरफ विधानसभा उपचुनाव और निकाय चुनावों ने भी राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस वर्ष अपने नेताओं के चयन और रणनीतियों के जरिए अपनी स्थिति को सुदृढ़ करने की कोशिश की।
बात अगत लोकसभा चुनाव की करे तो वर्ष 2024 में बीजेपी ने अपनी पांचों सीटों पर जीत हासिल की। इस बार भाजपा ने राज्य के नेताओं जैसे त्रिवेंद्र सिंह रावत, अनिल बलूनी, अजय टम्टा, अजय भट्ट और माला राज्य लक्ष्मी शाह पर भरोसा जताया। इसके साथ ही महेंद्र भट्ट को राज्यसभा भेजा गया, जो कि 2022 विधानसभा चुनाव में हारने के बावजूद पार्टी के लिए बड़ी जीत लेकर आए।
वहीं 2024 के विधानसभा उपचुनाव में तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें मंगलौर, बदरीनाथ और केदारनाथ शामिल हैं। मंगलौर में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने जीत हासिल की, जबकि बदरीनाथ में लखपत बुटोला और केदारनाथ में आशा नौटियाल ने बीजेपी के लिए जीत दर्ज की। इन उपचुनावों ने सियासी दांवपेंच को तेज किया और कई नेताओं की राजनीतिक किस्मत पलट दी।
साल 2024 के अंत में, उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की गई, जिससे राजनीतिक सरगर्मियां और तेज हो गईं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को तेज किया, और निकाय चुनाव के नतीजे 2025 में सामने आएंगे।
इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने 2024 को ऐतिहासिक बताया, क्योंकि इस वर्ष केंद्र में मोदी सरकार की तीसरी बार जीत के साथ उत्तराखंड को भी राज्यसभा में एक नया प्रतिनिधि मिला। उन्होंने इसे प्रदेश के विकास के लिहाज से अहम बताया।
उधर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हालांकि लोकसभा चुनाव में पार्टी हार गई, लेकिन कांग्रेस हार से निराश नहीं है। उनका कहना था कि कांग्रेस का आधार अभी भी मजबूत है और पार्टी जनता की सेवा में लगी रहेगी।
कुल मिलाकर साल 2024 ने उत्तराखंड की राजनीति में कई बदलाव और अहम घटनाओं को जन्म दिया। इस साल के चुनावी समीकरण और नेता दोनों के लिए महत्वपूर्ण रहे, जिसमें कुछ की सियासी किस्मत चमकी और कुछ को नई जिम्मेदारियां मिलीं।

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