मौब लीचिंग मामले को हल्के में ले रही पुलिस, पथरा गई परिजनों की आंखे
हल्द्वानी। पिटाई के बाद डरे सहमे युवा बेटे द्वारा पंखे से लटक कर की गई आत्महत्या से आहत पिता ने दोषियों के खिलाफ कार्यवाई को लेकर काठगोदाम थाने में दी गई तहरीर के बाद भी पुलिस ने अब तक न तो मामला दर्ज किया है और न ही दोषियों की धरपकड को लेकर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही की है।
पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की बात कर रही है, जबकि इस घटना को घटित हुए पांच दिन हो चुके है। गौरतलब है कि मौब लीचिंग से जुड़ी इस प्रकार की घटनाओं को लेकर नई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में सख्त रुख अपनाया गया है। पर यहाँ पुलिस की लचर कार्यशैली मामले को सुलझाने के बजाय और ज्यादा उलझा देती है।
यहाँ बता दे कि पूरा मामला बीते 9 अगस्त का है। काठगोदाम निवासी एम पी साह का युवा पुत्र देव साह उस दिन अपने दोस्तों के साथ काव्यांश का जन्मदिन मनाने भुजियाघाट गया हुआ था, वापसी के दौरान उसकी कार संख्या यूके 04 एएम-5134 निर्मला कान्वेंट स्कूल के पास एक राहगीर से टकरा गई, आगे बढ़ने पर एक पोलो कार यूके 04 आर-9164 जिसे रिहान निवासी लाईन नम्बर 8 चला रहा था और जिसमें कुछ अन्य लोग भी सवार थे ने जबरन देव साह की कार को रोकने का प्रयास किया और देव के साथ मारपीट शुरू कर दी।
किसी तरह देव उनसे जान बचाकर भागा पर वे पीछा करते हुए नैनीताल रोड़ स्थित देव आशीष होटल के पास भी पहुंच गए जहां उन्होंने फिर से देव की पिटाई की। इस पूरे घटनाक्रम से वह ( देव ) बुरी तरह घबरा गया और किसी तरह बचते बचाते दमूआंढूँगा स्थित अपने आवास तक पहुंचा। दूसरे दिन 10 अगस्त को जब एम पी साह की पत्नी व अन्य परिजन जब आवास पर पहुंचे तो उन्हें देव पंखे से लटका हुआ मिला। परिजन देव को उतारकर चिकित्सक के पास ले गए जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे देव की मौत से जहां पिता एम पी साह बुरी तरह व्यथित है, उनका कहना है कि पुलिस दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करे। घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस द्वारा मामले में अब तक रिपोर्ट दर्ज न करना उत्तराखंड मित्र पुलिस की कार्यशैली को दर्शाता है।