हल्द्वानी। शराब पीने को लेकर कई तरह के शोध सामने आते रहते है, इसकी मात्रा को लेकर इसके फायदे और नुकसान भी बताए जाते है। कई तरह के दवाओं के निर्माण में भी इसका इस्तेमाल होता है। इसी कड़ी के बीच एक और शोध सामने आया है जिसमें कहा गया है कि जो लोग अधिक मात्रा में शराब पीते है, उनके दिमाग की संरचना और आकार में परिवर्तन होते है। अध्ययन और संकाय सदस्य गिदोन नेव ने कहा कि ये निष्कर्ष सुरक्षित पीने की निर्धारित वैज्ञानिक और सरकारी दिशा-निर्देशों के विपरीत है। यह अध्ययन “नेचर कम्यूनिकेशन“ जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्त्ताओं ने बताया कि मामूली स्तर पर भी शराब के सेवन से मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है।
36 हजार से अधिक वयस्कों पर शोध
36 हजार से अधिक वयस्कों के विवरण के आधार पर हुए शोध में शराब पीने और मस्तिष्क स्वास्थ्य के बीच संबंध की जांच की है। टीम ने प्रतिभागियों की उम्र, ऊचाई, हाथ, लिंग, धूम्रपान की स्थिति, सामाजिक आर्थिक स्थिति, आनुवांशिक वंश और निकास का अध्ययन भी किया। बायो बैंक में स्वयंसेवी प्रतिभागियों ने शराब की खपत के स्तर के बारे में सर्वेक्षण के सवालों का जवाब दिया है। इसमें पूरी तरह से परहेज से लेकर एक दिन में औसतन चार या अधिक अल्कोहल यूनिट तक का विवरण दिया गया। जब शोधकर्त्ताओं ने प्रतिभागियों को औसत खपत के स्तर के आधार पर समूहकृत किया, तो एक छोटा लेकिन स्पष्ट अंतर दिखा। वैज्ञानिकों ने बताया कि एक यूनिट (या एक पैग) अल्कोहल लेने वाले लोगों के मस्तिष्क में बहुत परिवर्तन नहीं आया।
ग्रे और सफेद दोनों पदार्थों में होती है कमी
जबकि एक दिन में एक से दो या दो से अधिक यूनिट पीने वाले प्रतिभागियों के मस्तिष्क में गंभीर परिवर्तन देखा गया। इनके मस्तिष्क में उपस्थित ग्रे और सफेद दोनों पदार्थों में कमी आई। केंद्रीय मंत्रिका तंत्र को सफेद पदार्थ और ग्रे पदार्थ में विभाजित किया जा सकता है। श्वेत पदार्थ मस्तिष्क के गहरे पदार्थ और रीढ़ की हड्डी की सतही परतोें का एक हिस्सा बनाते है।