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हर्षिल घाटी में युद्धस्तर पर राहत-बचाव अभियान जारी, हेलीकॉप्टरों से आज सुबह 202 और लोगों को सुरक्षित निकाला गया, गृहमंत्री के निर्देश पर संचालन तेज

देहरादून: उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी में फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों को निकालने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। शनिवार प्रातः 11 बजे तक कुल 202 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। अब तक चल रहे अभियान के अंतर्गत कुल 931 लोगों को निकाला जा चुका है। अभियान में यूकाडा (यूएसडीएमए), सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें लगातार जुटी हुई हैं।
शनिवार सुबह शुरू हुए रेस्क्यू अभियान के तहत 95 लोगों को हर्षिल से मातली और 107 को चिन्यालीसौड़ पहुंचाया गया। जिला प्रशासन ने इन सभी को उनके गंतव्य तक भेजने के लिए बसों और अन्य साधनों की व्यवस्था की है।
राज्य के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी राज्य स्तरीय केंद्र में मौजूद हैं और पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
कल 8 अगस्त तक कुल 729 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका था। आज सुबह 202 और लोगों को निकाले जाने के बाद यह संख्या बढ़कर 931 हो गई है। गंगोत्री, भैरवघाटी और नेलांग से 274 लोग पहले ही हर्षिल पहुंचाए जा चुके थे, मातली में 396, जौलीग्रांट में 112 और चिन्यालीसौड़ में 121 लोगों को पहुंचाया गया था।
रेस्क्यू किए गए 729 लोगों में से सर्वाधिक लोग महाराष्ट्र (178), गुजरात (153), उत्तराखण्ड (194) से हैं। इनके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल समेत कुल 24 राज्यों और नेपाल के नागरिक शामिल हैं।
धराली में भी सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, मेडिकल टीम, अग्निशमन, पुलिस, प्रशासन समेत कुल 1056 अधिकारी/कर्मचारी राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। इसके अतिरिक्त 229 अधिकारी/दल मौके पर जाने को तैयार हैं। अभियान में 171 हेलीकॉप्टर उड़ानें (सॉर्टी) अब तक की जा चुकी हैं।
अब तक 14 घायल लोगों को मातली लाया गया, जिनमें से 3 को एम्स ऋषिकेश और 2 को मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून रेफर किया गया है। शेष 9 घायलों का उपचार जिला अस्पताल उत्तरकाशी में हो रहा है।
हर्षिल, धराली और मातली में कुल 18 से अधिक डॉक्टरों और मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है। 294 बेड और 65 आईसीयू की व्यवस्था भी की गई है।
धराली में 21 मशीनें ( जेसीबी, एक्स्कावेटर, डोजर, टिप्पर आदि) तैनात। हर्षिल में खाने के 2500 पैकेट, दो 125 केवीए जनरेटर, और माइक्रो हाइड्रो प्रोजेक्ट से बिजली आपूर्ति बहाल की गई है। इतना ही नहीं मोबाइल नेटवर्क बहाल कर दिया गया है। लिंचागाड़ में वॉशआउट पुल की जगह वैली ब्रिज का काम चल रहा है, जो कल तक पूरा होने की संभावना है।
हर्षिल घाटी में अब भी करीब 250 लोग फंसे हैं, जिनमें से 50 पर्यटक और 200 स्थानीय निवासी हैं। मौसम खराब होने के चलते हेलीकॉप्टर रेस्क्यू कार्य बाधित हो गया है, लेकिन जमीन से राहत पहुंचाने की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
संचार, भोजन, आवास जैसी सुविधाएं मौके पर बहाल हैं। 10 डॉग स्क्वॉड, 2 जीपीआर और विशेष खोज उपकरण भी राहत कार्य में लगे हैं। इन सबके बीच अब तक दो लोगों के शव बरामद किए गए हैं। अन्य लापता लोगों की खोजबीन लगातार जारी है। सचिव आपदा प्रबंधन प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि सरकार हर फंसे हुए नागरिक की सुरक्षा और राहत के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियों के समन्वय से अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

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