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सितारगंज के सरकडा में सब स्टेशन के टेंडर में हुआ खेल

टेंडर जारी करने के बाद अधिक लागत पर किया गया रीटेंडर

गौरव पांडेय
हल्द्वानी। सितारगंज के सरकडा में प्रस्तावित 33 केवीए के सब स्टेशन के टेंडर में बड़ा खेल हुआ है। यूपीसीएल ने टेंडर जारी करने के बाद अधिक लागत पर रीटेंडर कराया है। यूपीसीएल अफसरों की इस करतूत से उत्तराखंड सरकार के राजकोष को एक करोड़ तीन लाख रूपये की चपत लगी है।
जानकारी के अनुसार पिछले साल ऊर्जा विभाग ने सरकडा शुगर मिल में 33 केवीए का सब स्टेशन और फीडर बनाने के लिए टेंडर मांगे थे। टेंडर प्रक्रिया में पुणे की एसटी इलेक्ट्रिकल्स, रानीखेत के मैसर्स कश्मीरी लाल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., कर्नाटक की ओमकार इलेक्ट्रिकल्स के साथ समर्थ इलेक्ट्रिकल्स शामिल हुई थीं। नौ जुलाई 2023 को तकनीकी तौर पर पुणे की एसटी इलेक्ट्रिकल्स को हरी झंडी दे दी गई। 28 अगस्त 2023 को सब स्टेशन निर्माण के लिए इस कंपनी को लगभग 10 करोड़ 41 लाख रूपये का ठेका दे दिया गया। इसके बाद यूपीसीएल में खेल शुरू हुआ और यह ठेका निरस्त करने के साथ ही दोबारा टेंडर कराए गए। दूसरे टेंडर में पुणे की एसटी इलेक्ट्रिकल्स, गाजियाबाद की कैपिटल इलेक्ट्रिकल्स प्रा. लि., बरेली के मिश्री लाल एसोसिएट प्रा. लि., कर्नाटक के ओमकार इलेक्ट्रिकल्स के साथ मिलकर समर्थ इलेक्ट्रिकल्स शामिल हुई। दूसरी बार भी टेंडर एसटी इलेक्ट्रिकल्स को जारी कर दिया गया। लेकिन इस बार लगभग एक करोड़ तीन लाख रूपये अधिक लागत पर टेंडर जारी किया गया। इससे उत्तराखंड सरकार को सीधा नुकसान पहुंचा।

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दोबारा टेंडर कराने पर उठे सवाल

विद्युत सब स्टेशन निर्माण के लिए दोबारा टेंडर कराने से सवाल उठे हैं। आखिर क्यों पहली बार में टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद निरस्त की गई। पहली बार में एक कंपनी को टेंडर जारी करने के बाद उसी कंपनी को दोबारा ठेका दे दिया गया। आखिर क्यों पहले टेंडर की तुलना में दूसरी बार अधिक लागत पर टेंडर जारी किया गया। क्या इससे उत्तराखंड सरकार के राजकोष को चपत नहीं लगी। उत्तराखंड जनादेश की टीम पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है। इस मामले में संबंधित यूपीसीएल अफसर से संपर्क का प्रयास किया गया। लेकिन पक्ष नहीं मिल पाया। क्रमशः

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