बुधपार्क में धरना प्रदर्शन कर मनाया काला दिवस
हल्द्वानी/सितारगंज। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये चार नये श्रम कानूनों के विरोध में ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी विरोध के तहत आज सोमवार को विभिन्न यूनियनों और भाकपा माले ने हल्द्वानी के बुधपार्क में नये श्रम कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। वहीं सितारगंज में ट्रेड यूनियन ऐक्टू से जुड़ी पंजाब बेवल मियर्स लि. वर्कर्स यूनियन ने गेट मीटिंग करने के साथ ही नये मजदूर विरोधी कानूनों के खिलाफ आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान वक्ताओं का कहना था कि सरकार ने श्रम कानूनों को जबरन मजदूरों पर थोप कर उन्हें गुलाम बनाना चाहती है और उनके मौलिक अधिकारों को पूरी तरह समाप्त करना चाहती है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं किया जायेगा। चार नये मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को निरस्त करने, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण समाप्त करने, रोजगार में ठेकाकरण प्रथा समाप्त करने, भर्ती पर प्रतिबंध की नीति को रद्द करने की मांग को लेकर आज सोमवार को केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आयोजित “राष्ट्रव्यापी काला दिवस“ के समर्थन में ऐक्टू ट्रेड यूनियन महासंघ से जुड़ी विभिन्न यूनियनों और भाकपा माले ने “काला दिवस“ मानते हुए बुधपार्क में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने कहा कि, मोदी सरकार द्वारा थोपी गई चारों श्रम संहिताओं का उद्देश्य श्रमिकों पर फिर से कम्पनियों की गुलामी की स्थितियों को संस्थागत बनाना है। ताकि कामकाजी लोगों के लिए परिभाषित कार्य स्थितियों, न्यूनतम वेतन, कार्य के घंटे और सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ संगठित होने के अधिकार, सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार और हड़ताल करने के अधिकार के लगभग सभी वैधानिक अधिकारों को समाप्त किया जा सके। भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, मोदी सरकार बड़े पूंजीपति कॉरपोरेट घरानों के सामने नतमस्तक है इसीलिए ये नए लेबर कोड लाए गए हैं। जिससे न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, प्रमोशन, स्थायीकरण को पूरी तरह खत्म करके मजदूर शोषण का रास्ता आसान किया जा सके। उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि, पहले से ही सरकार की नीतियों के चलते बंधुवा मजदूरों की श्रेणी में धकेल दी गई आशा वर्कर्स इन लेबर कोड के लागू होने के बाद और भी मुश्किल में पड़ जाएंगी। मजदूरों के समर्थन में पहुंचे वरिष्ठ किसान नेता और अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, बड़े पूंजीपतियों के पक्ष में खड़ी मोदी सरकार के खिलाफ मजदूर किसानों की एकता ही इस देश को नया रास्ता दिखाएगी। काला दिवस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ऐक्टू प्रदेश महामंत्री के के बोरा, माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, सनसेरा श्रमिक संगठन के ललित जोशी, सोनू कुमार सिंह, चन्द्र सिंह, इंडियोरेंस वर्कर्स यूनियन के दीवान सिंह, माले नेता प्रकाश फुलोरिया, आशा यूनियन की हल्द्वानी नगर अध्यक्ष रिंकी जोशी, अफसर अली, रियासत अली जसवंत राम आर्य, हरीश सिंह आदि शामिल रहे।
सितारगंज। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सयुक्त आवाह्न पर ऐक्टू से जुड़ी पंजाब बेवल मियर्स लि. वर्कर्स यूनियन ने गेट मीटिंग कर मजदूर विरोधी 4 नए श्रम कोड के विरोध में काला दिवस मनाया। इस दौरान यूनियन के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि लॉक डाउन के समय 2020 में मोदी सरकार ने चुपके से 44 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 नए श्रम कोड पारित कर दिए। ट्रेड यूनियनों व मजदूरों के विरोध के चलते ये कानून अभी तक लागू नहीं हो पाए हैं लेकिन मोदी सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में इन 4 श्रम कोडो को लागू करने की पूरी कोशिश कर रही हैं इसीलिए आज 23 सितंबर 2024 को 4 वर्ष पूरे होने पर मजदूर यूनियनों द्वारा देशभर में ष्काला दिवसष् के रूप में मना रहे हैं। महामंत्री दीपक सिंह ने कहा कि पहले से ही शासन प्रशासन के मजदूर विरोधी रैवये के चलते मजदूर वर्ग खाली शोषण का शिकार है। इस मौके पर कर्मचारी अध्यक्ष मोहन सिंह, महामंत्री दीपक सिंह भास्कर, राजेंद्र, रतीन,रमेश उमेश,उतपाल, मठपाल, विनोद राणा, सचिन राणा, भोपाल सिंह, प्रमोद मुख्य रूप से उपस्थित रहे।