ख़बर शेयर करें -

बीते कुछ सालों के अन्तराल में हार्ट अटैक के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आज बच्चों से लेकर युवा तक इसके चपेट में आ रहे है। लगातार बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों को लेकर हमनें साई हॉस्पिटल मुखानी के वरिष्ट ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रमोद जोशी से दिल की बढ़ती बीमारियों, उनसे बचाव के उपायों को लेकर विस्तार से बातचीत की, पेश है उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश..

बीते कुछ अन्तराल में हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसे लेकर आपका क्या कहना है?

य़ह सही है कि देश प्रदेश में हृदय रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। आज युवा भी तेजी से इसकी गिरफ्त में आ रहे है। इसके पीछे खराब लाइफ स्टाइल और गलत खान-पान मुख्य कारक है जो उन्हें बीमारियों का शिकार बना रहे है। लेकिन फिटनेस व स्वस्थ आहार शैली अपनाकर आप अपने दिल को तो स्वस्थ रख ही सकते है, साथ ही तमाम बीमारियों से भी अपना बचाव कर सकते है।

खराब लाइफ स्टाइल से आपका क्या तात्पर्य है?

देखिए बात चाहे दिल की हो या सम्पूर्ण स्वास्थ्य की, स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम बेहद जरूरी है। यदि आप अपने दैनिक दिनचर्या में मात्र एक घन्टा शारीरिक कसरत के लिए निकालते है तो इससे जहां ह्रदय ज्यादा बहतरीन तरीके से कार्य करता है वहीं ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और ह्रदय पर भी दबाव कम पड़ता है साथ ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियन्त्रण में रहता है और लिवर ज्यादा बेहतर तरीके से कार्य करता है।

स्वस्थ आहार शैली को लेकर खानपान में क्या चीजे शामिल करनी चाहिए?

अच्छी सेहत के लिए अच्छा खाना जरूरी है खासकर जहां तक दिल को हेल्दी रखने और बीमारियों को मात देने की बात है। इसके लिए स्वस्थ आहार शैली का होना अति आवश्यक है। अपने खान पान में ऐसे आहार को शामिल करे जो दिल की कार्यप्रणाली को तंदुरुस्त रखे जहां तक सम्भव हो आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नटस, बीज, मछली, जैतून का तेल को शामिल करे। इसके अलावा अल्ट्रा प्रोस्टेड फूड, जंक फूड और रिफाईंड फूड जैसी चीजों से दूरी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। भोजन में नमक और चीनी का कम से कम इस्तेमाल करे।

यह भी पढ़ें 👉  राष्ट्रीय पार्टियों की 82 % इनकम का सोर्स नहीं पता

रक्तचाप ( ब्लड प्रेशर) को कैसे नियंत्रित रख सकते है और इनका मूल कारण क्या है?

ब्लड प्रेशर को आप साइलेंट किलर भी कह सकते है, इससे पीड़ित व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह अपनी लाइफ स्टाइल और डाईट पर विशेष ध्यान दे। जब ब्लड प्रेशर 90- 140 या इसके उपर पहुंच जाता है ऐसे में शरीर की धमनियों में इसका दबाव बढ़ जाता है, इसके चलते ह्रदय रोग, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का सामना करना पढ़ सकता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हर दूसरा व्यक्ति स्ट्रेस से ग्रसित है। स्ट्रेस के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने बढ़ाने वाले हार्मोंस रिलीज होते है। जिसके कारण रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ने लगता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। शराब सिगरेट का सेवन भी हाइपरटेंशन को बढ़ा सकता है। उच्च रक्तचाप को नियन्त्रित करने के लिए नमक का सीमित मात्रा में सेवन, संतुलित आहार, शराब व धूम्रपान से दूरी, तनाव को कम करने के लिए मन को शांत रखने से काफी हद तक उच्च रक्तचाप को नियन्त्रण में रख सकते हैं।

हार्ट अटैक के क्या लक्षण है?

दिल का दौरा तब पड़ता है जब ह्रदय में रक्त का प्रवाह गंभीर रूप से कम हो जाता है या अवरुद्ध हो जाता है।
इस प्रकार की रुकावट आमतौर पर ह्रदय ( कोरोंनरी ) धमनियों में वसा कोलेस्ट्रोल और अन्य पदार्थों के जमाव के कारण होती है। वसायुक्त, कोलेस्ट्रोलयुक्त जमाव को प्लाक कहा जाता है। प्लाक के जमाव की प्रक्रिया को ऐथेरोस्कलेरोसिस कहा जाता है। इससे कभी कभी प्लाक फट सकता है और थक्का बन जाता है जो रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करता है। रक्त प्रवाह की कमी ह्रदय की मांसपेशियों के हिस्से को नुकसान पहुंचा सकती है और नष्ट कर सकती है। जहां तक लक्षणॊं की बात है तो दिल के दौरे के लक्षण अलग-अलग होते है। कुछ लोगों में हल्के तो कुछ लोगों में गंभीर लक्षण होते है। लक्षण के तौर पर सीने में दर्द, जकड़न, दबाव या पीढ़ा जैसा महसूस होना, दर्द या बैचेनी जो कंधे हाथ, पीठ, गर्दन जबड़े दांत या कभी कभी उपरी पेट तक फैल जाती है। इसके अलावा ठंडा पसीना, थकान, सीने में जलन या अपच, अचानक चक्कर आना, जी मचलना, साँस लेने में कठिनाई शामिल है।

यह भी पढ़ें 👉  पुलिस के लिए अबूझ पहेली बना एयर ट्रैफिक असिस्टेंट मैनेजर आशीष की मौत का राज

दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए एंजियोग्राफी ही क्यों करायी जाती है?

असल में एंजियोग्राफी दिल की जांच के लिए किए जाने वाला एक इमेजिंग टेस्ट है। जिसके जरिए पता लगाया जाता है कि धमनियों में कितनी संकीर्णता है। कोरोंनरी एंजियोग्राफी एक तरह से धमनियों का एक्स-रे है, जो किसी भी ह्रदय रोग की सीमा और गंभीरता को दर्शाता है। जिसके जरिए य़ह पता लगाया जाता है कि ह्रदय कितनी अच्छी तरह कार्य कर रहा है।

गुस्सा आने पर हार्ट बीट क्यों बढ़ जाती है?

इंसान को गुस्सा आने पर हार्ट बीट बढ़ने के पीछे एड्रेनालिन हार्मोंस का रिलीज होना इसकी वजह है जिससे दिल की धड़कन बढ़ जाती है। इतना ही नहीं बहुत अधिक गुस्से से दिल का दौरा व स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।

दिल में छेद होने के क्या कारण है?

य़ह एक तरह से जन्मजात ह्रदय रोग (सीएचडी) की श्रेणी में शामिल रोग है। जिसमें ह्रदय की संरचना से जुड़ी समस्या शामिल है। इस तरह की समस्याएं रक्त को समान्य रूप से बहने से रोकती है। सीएचडी से जुड़े कुछ मामले समान्य (सरल) होते है और इनमें कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन कुछ मामले जीवन के लिए खतरा बन सकते है और बचपन से ही ऐसे मामलों में उपचार की आवश्यकता होती है।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad

Comments

You cannot copy content of this page