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रुद्रपुर: सत्ता की हनक और पावर की भूख आदमी को अति महत्वकांक्षी बना देती है। नहीं तो ऐसा क्या हुआ कि कल तक भाजपा सरकार और रुद्रपुर के विधायक के कार्यों को जमकर आलोचना करने वाले पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और उनका छोटा भाई भाजपा मेयर प्रत्याशी का झंडा उठाकर उनके समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। कुछ दिन पहले मेयर पद पर निर्दलीय रूप से दावेदारी कर रहे ठुकराल बंधु को प्रदेश के मुखिया ने ऐसा कौन सा लोलीपाप दिया कि उन्होंने अपना पर्चा खारिज कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में डोर टू डोर प्रचार करने की मुहिम में शामिल हो गए। इन सभी बातों का खुलासा निकाय चुनाव के परिणामों के बाद ही होगा, लेकिन अचानक पलटी मारने से पूर्व विधायक ठुकराल के समर्थकों के साथ भाजपा के कुछ स्थानीय नेता भी अंदरखाने विरोध कर रहे हैं। पूर्व विधायक पिछले तीन साल से विपक्ष की भूमिका निभा रहे थे और स्थानीय विधायक से लेकर प्रदेश सरकार को उसके निर्णयों पर जमकर घेर रहे थे। राजनीति के इस गर्म मैदान में एक नया मोड़ आया है, और उस मोड़ पर खड़े पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भाजपा के दरवाजे पर पार्टी बिना ज्वाइन किए खड़े हो गए हैं।बड़बोलेपन और स्वांग रचना में माहिर ठुकराल, जो कभी पुलिस से बचने के लिए वेश बदलकर भागे थे, अब अपने समर्थकों के बीच विवाद का हिस्सा बन गए हैं। जब ठुकराल ने रुद्रपुर निकाय चुनाव में नामांकन वापस लेकर भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दिया था, तो यह माना जाने लगा था कि अब वह भाजपा के साथ खड़े हो गए हैं। भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने से पहले ही विधायक शिव अरोड़ा ने ठुकराल के खिलाफ मोर्चा खोला था और आरोप लगाया था कि ठुकराल ने हिंदू समाज की महिलाओं का अपमान किया है और हिंदू समाज की महिलाएं इस अपमान का हर-हाल में बदला लेंगी।

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सुरक्षा वापस करने का किया था नाटक

विगत दिनों शासन ने पूर्व विधायक ठुकराल को सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से उनके आवास पर एक सुरक्षा गार्ड (गनर) भेजा था, लेकिन ठुकराल ने नाटकीय ढंग से गनर को वापस कर दिया। सुरक्षा वापस करने की खबर मिलते ही उनके समर्थकों ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन देने का दबाव डाला, लेकिन ठुकराल ने समर्थकों के विचारों को नजरअंदाज करते हुए भाजपा के दरवाजे पर खड़े हो गए। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद ठुकराल बंधु भाजपा के रुद्रपुर मेयर प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने के अभियान में जुट गए।

लेटर बम से शांत हुए थे पूर्व विधायक ठुकराल

निकाय चुनाव में नामांकन वापस लेने की तिथि से एक दिन पहले भाजपा प्रत्याशी विकास शर्मा को समर्थन देने के बाद पूर्व विधायक ठुकराल ने खुद और अपने भाई का निर्दलीय नामांकन पत्र वापस ले लिया था। ठुकराल ने विकास के समर्थन में प्रचार भी शुरू किया था, लेकिन अचानक भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल का एक लेटर बम वायरल हो गया। इस पत्र में आदेशित किया गया था कि ठुकराल अभी भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं और वह किसी भी पार्टी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इस पत्र ने पूर्व विधायक को पूरी तरह से चुप करा दिया, जिसके बाद वह निर्षक्रय हो गए और बालाजी के दर्शन करने राजस्थान चले गए। जैसे ही वह दर्शन कर वापस आए, शासन ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई।

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जनता के मुद्दों पर क्या देंगे जवाब?

पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल पिछले तीन वर्षों से विपक्ष की भूमिका निभा रहे थे और उन्होंने कई मुद्दों पर आवाज उठाई थी, जैसे स्मार्ट मीटर गोदाम में अनावश्यक वस्तुएं भरने, नजूल के पट्टे लोगों को बेवजह थमाने, गांधी पार्क को बेचने, उद्यान फार्म की जमीन बचाने आदि। अब वह सत्ता का हिस्सा बन गए हैं और जनता और उनके समर्थक इन मुद्दों पर उनके विचार जानने के लिए उत्सुक हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि ठुकराल अब इन मुद्दों पर क्या जवाब देंगे और उनके नजरिए में बदलाव आएगा या नहीं।

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