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स्वच्छ जल, स्वच्छ मन की ओर एक सार्थक कदम

हल्द्वानी: संत निरंकारी मिशन की सेवा भावना और मानव कल्याण के संकल्प को साकार करने हेतु ‘प्रोजेक्ट अमृत’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के तृतीय चरण का भव्य शुभारंभ रविवार, 23 फरवरी 2025 को परम श्रद्धेय सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं सत्कार योग्य निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सान्निध्य में एक विशेष सफाई अभियान पुरे भारत वर्ष में उस दिन चलाया जायेगा इसी क्रम में 23 फरवरी 2025 दिन रविवार को प्रात: 8 बजे से 12 बजे तक हल्द्वानी के चित्रशिला घाट गार्गी नदी और विद्युत शवदाह गृह पर सफाई अभियान किया जाएगा इस परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है, ताकि भावी पीढ़ियों को निर्मल जल और स्वस्थ पर्यावरण का वरदान प्राप्त हो सके।

संत निरंकारी मंडल के सचिव आदरणीय श्री जोगिंदर सुखीजा जी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वृहद अभियान देशभर में 27 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 900 से अधिक शहरों में 1600 से भी अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा। इस महाअभियान की यह अभूतपूर्व व्यापकता इसे एक ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान करेगी, जिससे जल संरक्षण एवं स्वच्छता का संदेश और अधिक प्रभावशाली रूप से जन-जन तक पहुंचेगा।

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उन्होंने यह भी बताया की हल्द्वानी में इस अभियान को पूर्व की भांति ‘आओ सवारें, चित्रशिला घाट गार्गी किनारे’ के प्रेरक संदेश के साथ आयोजित किया जा रहा है। संत निरंकारी मिशन के लगभग 500 समर्पित स्वयंसेवको के साथ-साथ विभिन्न संस्थानों के युवाओं के साथ मिलकर जल संरक्षण और स्वच्छता का संदेश जन-जन तक पहुंचाएंगे। गीतों की संगीतमय प्रस्तुति, समूह गान, जागरूकता सेमिनार और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से जल जनित रोगों और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है। यह पहल केवल सफाई तक सीमित न रहकर आज की युवा पीढ़ी को समाज कल्याण की दिशा में सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करने का एक सशक्त माध्यम बनेगी।

संत निरंकारी मिशन ने बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रेरणादायक शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए वर्ष 2023 में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का शुभारंभ किया था। इस दिव्य पहल का उद्देश्य केवल जल स्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि जल संरक्षण को मानव जीवन का अभिन्न अंग बनाने की सोच को विकसित करना है। नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं और झरनों जैसे प्राकृतिक जल स्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण को समर्पित इस महाअभियान ने अपने पहले दो चरणों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। इसी प्रेरणा के साथ, इस वर्ष तृतीय चरण को और अधिक व्यापक, प्रभावी एवं दूरगामी दृष्टि से आगे बढ़ाया गया है, ताकि यह अभियान निरंतर विस्तार पाकर समाज में जागरूकता, सेवा और समर्पण की एक सशक्त लहर उत्पन्न करे।

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सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी अक्सर यही प्रेरणा देते हैं कि हम इस धरती को और भी अधिक सुंदर स्वरूप में छोड़कर जाएं। यह अभियान उसी संकल्प का एक साकार स्वरूप है, जो समाज को जागरूकता, सेवा और समर्पण की दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य करेगा।

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