

कहने को है कोर्ट का आदेश, लेकिन आदेश से बड़ा है ठेकेदार का ‘प्रोजेक्ट’
रामनगर: कोसी नदी अब सिर्फ एक नदी नहीं रही। यह एक गवाह है इस बात की कि कैसे इंसानी लालच जंगल के संतुलन को डगमगा देता है। यह कहानी सिर्फ रिसॉर्ट और होटलों की नहीं है। यह कहानी उस सिस्टम की है, जिसकी आंखों के सामने हाईकोर्ट के आदेश की खुलेआम धज्जियाँ उड़ती हैं, और वो खामोश रहता है, जैसे सब कुछ सामान्य हो।
उत्तराखंड हाईकोर्ट का साफ आदेश है कि कोई भी निर्माण नदी से 200 मीटर के दायरे में नहीं होगा। पर रामनगर के कोसी किनारे इन आदेशों का उतना ही महत्व है जितना किसी भाषण में ‘पर्यावरण संरक्षण’ की बातों का अर्थहीन और रस्मी। यहाँ हर नया रिसॉर्ट, हर नया होटल एक सवाल है क्या जंगल सिर्फ एक पर्यटन केंद्र बनकर रह गया है?
जंगलों के किनारे खड़े इन आलीशान होटलों की चमक में अगर आप गौर से देखेंगे, तो वहां दिखेगा एक अंधेरा। ये अंधेरा है उन पेड़ों की कमी का, जो कभी यहाँ झुंड में खड़े रहते थे। अब उनकी जगह पार्किंग है। जहां कभी बाघ आता था पानी पीने, अब वहां हुक्का और डीजे की आवाज है। जंगल की नीरवता को इंसान की शोरगुल निगल चुका है।
होटलों की रोशनी, पर्यटकों की चहल-पहल, और कूड़े के ढेर से सिर्फ नदी नहीं, वन्यजीव भी जहर पी रहे हैं। बाघ, हाथी, हिरण अब छुपते फिरते हैं। उनके रास्ते अब रिसॉर्ट के लॉन बन गए हैं। उनकी नदियाँ अब हमारे अपशिष्ट से भर चुकी हैं।
कभी इन जानवरों को देखने लोग दूर-दूर से आते थे, अब ये जानवर हमसे बचने की कोशिश कर रहे हैं।
सबको पता है। प्रशासन को भी, सरकार को भी, लोकल अधिकारियों को भी कि यह निर्माण अवैध है। पर सब चुप हैं। शायद इसलिए कि उनके रिश्तेदारों व दोस्तों के नाम भी इन होटल लिस्टों में दर्ज हैं। जब सिस्टम जंगल बेचने लगे, तो जानवर कहाँ जाएँ?
यह जरूरी नहीं कि पर्यटन को बंद किया जाए। पर यह जरूरी है कि वह विवेक से किया जाए। जंगलों को बचाकर, नदियों को सांस लेने देकर, और वन्यजीवों को उनके हिस्से की जगह देकर। क्या सरकार को यह याद दिलाना पड़ेगा कि जंगल सिर्फ दिखाने की चीज नहीं, जीने की जगह है कई प्राणियों की?
यहां सवाल य़ह उठता है कि जब अगली पीढ़ी को बाघ, हाथी सिर्फ किताबों में मिलेंगे, तब हम किसे दोष देंगे? रिसॉर्ट को या अपनी चुप्पी को? आम आदमी अब रामनगर के जंगलों में उस आवाज़ को ढूंढ रहा है, जो कभी कोसी नदी की लहरों में गूंजती थी अब होटल के शोर में दब चुकी है।