अजय, त्रिवेंद्र या फिर अनिल को मिल सकती हैं सरकार में जिम्मेदारी
हल्द्वानी। आठ जून को केन्द्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार का गठन होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री के साथ ही मंत्रिमंडल के सदस्य भी शपथ लेंगे और इसे लेकर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी 3.0 सरकार में भी उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व होगा। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार में लगभग दो वर्ष के कार्यकाल पूरा होने के बाद अल्मोड़ा सीट से भाजपा सांसद अजय टम्टा को केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में स्थान मिला था। हालांकि उस समय भगत सिंह कोश्यारी, बीसी खंडूड़ी और रमेश पोखरियाल निशंक जैसे दिग्गज नेता भी उत्तराखंड से चुनाव जीते थे। लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व ने युवा नेता अजय टम्टा को तरजीह दी। वर्ष 2019 में जब दूसरी बार मोदी सरकार बनी तो उत्तराखंड से रमेश पोखरियाल निशंक को मंत्रिमंडल में जगह मिली। हरिद्वार सांसद निशंक को शिक्षा विभाग जैसा भारी भरकम महकमा दिया गया। लेकिन कार्यकाल के बीच में ही निशंक से उनका महकमा वापस ले लिया गया। उनके स्थान पर नैनीताल सांसद अजय भट्ट को केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में मोदी मंत्रिपरिषद भागीदारी का मौका मिला। अब मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है। पहले के दोनों चुनाव की तरह इस बार भी प्रदेश की पांचों सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीते है। गिनती के ही राज्य है जहां भाजपा ने एसा शानदार प्रदर्शन किया है। इस लिहाज से उत्तराखंड का एक बार फिर केन्द्रीय मंत्रिमंडल में हक बनता है। अब देखना यह है कि मौजूदा केन्द्रीय राज्य मंत्री और नैनीताल सीट से दोबारा रिकार्ड मतों से जीत हासिल करने वाले अजय भट्ट पर ही पीएम मोदी भरोसा जताते हैं या उनकी पसंद बदलती है। भाजपा संगठन के सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड में चूंकि पांच ही सीट है, इस कारण दो-दो सांसदों को मंत्री बनाना संभव नहीं दिखता। ऐसे में यदि अजय भट्ट को दोबारा मौका नहीं मिलता है तो पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत केंद्र सरकार का हिस्सा बन सकते है। किसी कारण से त्रिवेंद्र रावत मंत्री बनने से चूक जाते हैं तो पौड़ी से चुनाव जीतने वाले भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी का नंबर लग सकता है।