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हल्द्वानी। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ का खतरा लगातार बढ़ रहा है और इससे रोजाना दुनिया भर में 35000 लोग काल का ग्रास बन रहे है। रविवार को पूरे विश्व में हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अब हेपेटाइटिस के खिलाफ लड़ने का वक्त आ गया है। इसकी थीम भी ‘कार्रवाई का वक्त आया’ रखी गई है। रविवार को दक्षिण एशिया के देशों से वायरल हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ की रोकथाम टीकाकरण रोग की पहचान और इलाज तक सभी को पहुंच देने की कोशिश को तुरंत बढ़ाने को कहा है। संगठन के अनुसार रोकथाम और इलाज लायक होने के बाद भी यह पुराने संक्रमण तेजी से गंभीर बीमारियों सहित लिवर कैंसर सिरोसिस से म्यूट की वजह बन रहे हैं। मौजूदा वक्त में लिवर कैंसर दक्षिण पूर्व एशिया में कैंसर से होने वाली म्यूट की चौथी सबसे बड़ी वजह है। पुरुषों में कैंसर से होने वाली म्यूट की दूसरी सबसे आम वजह भी यही है। वहीं, लगभग 75 प्रतिशत लिवर शुरू से लिवर का स्थाई तौर पर क्षतिग्रस्त होना हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ संक्रमण की वजह से होता है। इस क्षेत्र में 2022 वायरल हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ से पीड़ित 7.05 करोड़ लोग हैं।

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30 करोड़ से ज्यादा लोग है पीड़ित

दुनिया भर में 25.5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस ‘बी’ और 5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस ‘सी’ से ग्रस्त हैं। हेपेटाइटिस ‘बी’ से ग्रस्त केवल 2.5% मरीजों में 2022 में रोग की पहचान की गई थी और इसमें से 3.5% को इलाज मिल सका था। हेपेटाइटिस और तपेदिक साल 2022 के संचारी रोगों में कोविड-19 के बाद मौत की अहम् वजह रहे। वर्ष 2022 में लगभग 13 लाख लोगों ने वायरल हेपेटाइटिस से जान गवाई। यह तपेदिक से होने वाली म्यूट के बराबर है।

जल्द जांच और इलाज से किया जा सकता है बचाव

यदि हेपेटाइटिस बी और सी से कोई मरीज ग्रसित है तो जल्द से जल्द इलाज शुरू करना चाहिए। हमारे देश में वायरल हेपिटाइटिस को रोकने निदान करने और इसका इलाज करने के लिए तकनीकी ज्ञान और उपकरण भी उपलब्ध है। हमें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्तर पर समुदायों को सामान सेवाएं देने में कोशिशें में तेजी लाने की जरूरत है। जल्द जांच और इलाज से हेपेटाइटिस बी को सिरोसिस और कैंसर पैदा करने से रोका जा सकता है।

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बीमारी के कारण

दूषित सिरिंज का उपयोग करना।

दूषित रेजर या टूथब्रश का इस्तेमाल।

दूषित रक्तदान, अंगदान या लंबे समय तक डायलिसिस द्वारा।

असुरक्षित यौन संबंध बनाना।

दूषित सूई से टैटू बनवाना या एक्यूपंक्चर करवाना।

सेविंग करते समय दूषित रेजर से कट जाने के कारण।

हेपेटाइटिस से बचाव

साफ-सफाई का रखे विशेष ध्यान।

अपने टूथब्रश और रेजर किसी के साथ साझा न करें।

शराब का सेवन न करें या अत्यंत कम मात्रा में करें। विशेष कर टॉयलेट में जाने के बाद सफाई का ध्यान रखें।

कभी इंजेक्शन की जरूरत पड़े तो दूषित सिरिंज का उपयोग न करें।

हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ को काला पीलिया भी कहते है। यह एक संक्रामक रोग है। जो हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी की वजह से होता है और यकृत को प्रभावित करता है।

  • डा. नीलाम्बर भट्ट, वरिष्ठ फिजिशियन, हल्द्वानी।
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