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हल्द्वानी: पांच माह पूर्व चोरी हुई बाइक को पुलिस ढूढ़ तो नही पायी, हाँ पुलिस ने उस बाइक का ताजा चालान जरूर पीड़ित बाइक स्वामी को आनलाईन भेज दिया। बाइक स्वामी के मोबाइल पर ऑनलाइन चालान आने से वह सन्न रह गया। क्योकि उसने हल्द्वानी कोतवाली में बाइक चोरी की रिपोर्ट पूर्व में दर्ज करायी थी। चोरी की बाइक का ऑनलाइन चालान मैसेज के माध्यम से पीड़ित को मिलना उत्तराखंड मित्र पुलिस की लचर कार्यशैली को दर्शाता है।
यहां बता दे कि महेन्द्र सिंह मेहरा को मोटरसाइकिल यू.ए 04बी 9458 दशहरे के दिन रामलीला मैदान से चोरी हो गयी थी। जिसकी पहले तो पुलिस द्वारा प्राथमिकी ही दर्ज नही की गयी। थक हार कर जब श्री मेहरा ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का रूख किया तो कही जाकर उनकी मोटरसाइकिल चोरी की एक एफआइआर हल्द्वानी कोतवाली में दर्ज हो पायी। बीते कल श्री मेहरा उस समय भौचक्के रह गये जब उनके पास मोबाइल पर ऑनलाइन मोटरसाइकिल चालान भुगतने का संदेश उन्हें प्राप्त हुआ।
असल में ऑनलाइन चालान प्रक्रिया में पुलिस सीसीटीवी कैमरों द्वारा सड़क नियमों का उल्लघन करने वालों पर नजर रखी जाती है। और जहां कही भी वाहन सवार ट्रैफ़िक के नियमों का उलघंन करते दिखते है वाहन स्वामी के मोबाइल पर ऑनलाइन चालान का मैसेज आ जाता है। इस पूरे मामले में भी यही हुआ। चोरी गयी बाइक संख्या यू.ए04बी 9458 गत दिवस जब कटघरियां के आस-पास से गुजरी तो उसे चला रहा सवार ट्रैफिक नियमों पर अतिक्रमण करते दिखा तो पुलिस से सीधे ऑनलाइन चालान प्रेषित कर दिया। पुलिस की इस ऑनलाइन प्रक्रिया से चोरी की गई बाइक के स्वामी मेहन्द्र सिंह मेहरा को खासी परेशानी उठानी पड़ी, उस दिन वे मानसिक रूप से परेशान तो रहे ही साथ ही उन्हें तनाव का सामना भी करना पड़ा। पुलिस का यह लापरवाही भरा रवैय्या आमजन के शांत जीवन में खलल पैदा कर रहा है। जो उत्तराखंड मित्र पुलिस के सलोग्न के ठीक विपरीत है।

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