एसआईटी के साथ ही पुलिस भी कर रही जांच
लालकुआं। वन विकास निगम के लालकुआं डिपों में लकड़ियों की खरीद फरोख्त में हुए वित्तीय घोटाले की जांच पांच माह बाद भी नहीं पूरी हो पाई है। निगम प्रबंधन कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों को पद से हटाने के सिवा ना तो घोटाले की जांच पूरी कर पाया है और ना ही घोटाले में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाही कर पाया है। ऐसे में वन मंत्री के निर्देश पर गठित विभागीय एसआईटी की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे है। दूसरी ओर मामले में वन विकास निगम प्रबंधन की ओर से पुलिस में भी मुकदमा दर्ज कराया गया था और पुलिस भी अपनी जांच पूरी नहीं कर पाई है। बता दें कि वन विकास निगम के लालकुआं डिपों में लकड़ियों की खरीद फरोख्त में करोड़ों का घोटाला सामने आया था। प्रकरण उजागर होने के बाद निगम स्तर पर कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों को उनके पद से हटा दिया था। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने विभागीय एसआईटी गठित करने के साथ ही विस्तृत जांच करने के आदेश दिए थे। मंत्री जी के आदेश पर एसआईटी का भी गठन कर दिया गया। लेकिन हालत यह है कि पांच माह बाद भी एसआईटी किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है, और मामला फाइलों में दबा हुआ है। इस संबंध में वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि एसआईटी जांच कर रही है, जल्दी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है और यदि एसआईटी जांच में अधिकारियों, कर्मचारियों की संलिप्तता पायी जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाही की जाएगी।