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हल्द्वानी। नानकमत्ता डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम के हत्यारे 84 घण्टे बीत जाने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वहीं पुलिस अधिकारियों का दावा है कि हत्यारों को पकड़ने के लिए दस टीमों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पुलिस ने जहां नेपाल व बंगाल में डेरा डाल दिया है। वहीं कनाडा एंबेसी से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। पुलिस को आशंका है कि जिस प्रकार हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अचानक बाइक सवार हत्यारे गायब हो गए, उससे साफ लगता है कि कहीं हत्यारों ने भगाने के लिए खटीमा या फिर पीलीभीत के रास्ते नेपाल तो नहीं भेज दिया गया होगा। हत्यारे उसी मार्ग से बंगाल या फिर कनाडा भागने की फिराक में होंगे।
बता दे कि बीते 28 मार्च को बाबा तरसेम सिंह की दो बाईक सवार बदमाशों ने सुबह छह बजे के करीब गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस को इस हत्याकांड की जानकारी साढ़े छह बजे के करीब मिली थी। सुरागरसी और हत्याकांड की तह तक जाने के लिए पुलिस को करीब दो से ढाई घंटा लगा होगा और पुलिस ने सुबह साढ़े दस बजे के करीब हत्यारों की फोटो फुटेज जारी कर दी थी। ऐसे में बाबा के हत्यारों ने भागने के लिए लंबा नहीं, बल्कि छोटा रास्ता अख्तियार किया होगा। यहां तक कि हत्यारे कभी भी हाईवे से भागने की कोशिश नहीं करेंगे।
जानकारों की माने तो खटीमा से नेपाल जाने का रास्ता हो या फिर पीलीभीत से नेपाल में प्रवेश का मार्ग हत्यारों के लिए सबसे ज्यादा महफूज है, क्योंकि महज दो से ढाई घंटे के अंदर हत्यारे आसानी से गोपनीय रास्तों से नेपाल में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा नेपाल में छिपने या उसी रास्ते से बंगाल जाना भी बेहद आसान है। वहीं नेपाल के रास्ते कनाडा जाना भी बेहद आसान है। बहरहाल उधमसिंह नगर के एसएसपी मंजूनाथ टीसी इस मामले की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

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