

हल्द्वानी। संविधान निर्माता और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर हल्द्वानी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गोलछा कंपाउंड स्थित जिला कार्यालय में डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके जन्मोत्सव की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के पाठ से की गई।
इस अवसर पर भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष नफीस अहमद खान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “अंबेडकर जयंती एक उत्सव मात्र नहीं, बल्कि यह शोषित-वंचित समाज के अधिकारों के लिए एक आंदोलन है।” उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने जीवनभर जातिवाद, भेदभाव और सामाजिक अन्याय के विरुद्ध संघर्ष किया और उनके विचार आज भी मार्गदर्शक हैं।
सभा में वक्ताओं ने जोर दिया कि अंबेडकर जयंती को केवल शोभायात्राओं और औपचारिक आयोजनों तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसे सामाजिक परिवर्तन और जागरूकता का माध्यम बनाना चाहिए।
डॉ. अंबेडकर के विचारों को उद्धृत करते हुए बताया गया कि शिक्षा ही शोषित समाज को समानता दिला सकती है। इसके लिए कुछ योजनाएं सुझाई गईं, जैसे गरीब छात्रों के लिए शिक्षा सहायता कोष की स्थापना, स्कूलों और कॉलेजों में डॉ. अंबेडकर स्कॉलरशिप, ‘एक दलित अधिकारी, एक छात्र’ कार्यक्रम के तहत अफसरों द्वारा छात्रों की शिक्षा का खर्च उठाना, सिविल सर्विस और विज्ञान-तकनीक के क्षेत्र में मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित करना जातिवाद के खिलाफ अभियान।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने जातिवाद को सामाजिक बुराई बताते हुए इसे समाप्त करने की अपील की। इस दौरान जाति छोड़ो, मानवता अपनाओ अभियान चलाने का सुझाव दिया गया तथा एससी/ एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की जानकारी समाज के लोगों तक पहुंचाने की जरूरत पर बल दिया गया। व दलित समाज को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाएं बनाकर लागू करने की आवश्यकता बताई गई।
कार्यक्रम में नफीस अहमद खान, सिराज अहमद, हरीश लोधी, मो. रिज़वान, विकास कुमार, अनीत कुमार, ललित आर्य, मोहन लाल आर्य, नवीन मूलनिवासी, महेश चंद्र आर्य, रोहित कुमार, सुशील कुमार, मिलन सोनकर, जसवंत, छोटे, बालकिशन राम आदि उपस्थित रहे।





