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रामनगर में स्मैक की आदी युवती के हमबिस्तर हुए 20 युवक संक्रमित

युवकों की पत्नियां भी पाई गईं एचआईवी पॉजीटिव

रामनगर। स्मैक की लत और जिस्म की हवस ने ऐसा असर दिखाया कि शहर के 20 युवकों के जिस्म में एचआईवी एड्स का विषाणु धंस गया। इन युवकों के जिस्म में घुसा एड्स इनसे इनकी पत्नियों को भी संक्रमित हो गया। शरीर सुस्त पड़ने पर जब इन युवकों ने स्थानीय अस्पताल में अपनी जांच करवाई तो इनके एचआईवी पॉजीटिव होने का पता चला। अब इनकी काउंसलिंग की जा रही है। काउंसलिंग के दौरान ही इसके पीछे एक किशोरी का नाम सामने आया और एक ऐसी कहानी का पता चला, जो पूरे समाज को सिहरा सकती है।    
दरअसल यहां गूलरघट्टी क्षेत्र में एक गरीब मुस्लिम परिवार की युवती को स्मैक की लत लग गई। स्मैक की लत को पूरा करने के लिए उसे पैसों की जरूरत पड़ती रहती थी तो उसने उन युवकों को अपना जिस्म परोसना शुरू कर दिया, जो अपनी हवस को पूरा करना चाहते थे। इनमें से कई शादीशुदा भी थे। इसी दौरान किसी के संसर्ग में युवती एचआईवी संक्रमित हो गई और जिस्म परोसने के इसी सिलसिले में उसके संसर्ग में आने वाले युवक भी एक के बाद एक एचआईवी पॉजीटिव होते चले गए। एक-एक करके शहर में बीस युवक एचआईवी पॉजीटिव हो गए। इन युवकों में कुछ शादीशुदा भी थे। इन विवाहित युवकों ने जब अपनी पत्नी से संसर्ग किया तो वे भी एचआईवी पॉजीटिव हो गईं।      
युवकों का जब बदन सुस्त रहने लगा और वे कमजोर पड़ने लगे तो अपनी जांच कराने अस्पताल में पहुंचे। जांच में उनके एचआईवी पॉजीटिव होने की बात सामने आई। अब इन युवकों की यहां रामदत्त जोशी राजकीय चिकित्सालय में काउंसलिंग चल रही है।
नैनीताल जिले में एचआईवी पॉजीटिव के केस लगातार बढ़े हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस रामनगर में ही पाए गए हैं। पिछले 17 माह में शहर में 45 लोग एचआईवी पॉजीटिव पाए गए हैं। इनमें 30 पुरुष एवं 15 महिलाएं हैं। काउंसलिंग के दौरान सामने आई जानकारी के मुताबिक इनमें से 20 युवक वही हैं, जो युवती के संसर्ग में आए थे। महिलाओं में कुछ इन युवकों की पत्नियां भी हैं।  
यह खुलासा सिर्फ कुछ लोगों के एड्स से पीड़ित होने भर का नहीं है, अपितु यह बताता है कि  स्मैक जैसे मादक पदार्थों का इस्तेमाल युवक-युवतियों में तेजी से बढ़ रहा है। एक गरीब परिवार की 17 साल की लड़की का इस लत में फंसना दिखाता है कि यह नशा किस हद तक समाज में फैल चुका है। स्मैक की लत से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इस नशे की लत युवाओं को अपराध, बीमारी और असामाजिक गतिविधियों की ओर धकेल रही है। यह गंभीर स्थिति न केवल परिवारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए खतरे का संकेत है।
इससे भी बड़ा सवाल यह है कि आखिर रामनगर जैसे शहर में स्मैक का नेटवर्क चला कौन रहा है, जो युवकों ही नहीं युवतियों तक स्मैक पहुंच रही है और पुलिस क्या आंख मूंदकर सो रही है। ऐसा कोई उदाहरण नहीं कि शहर में स्मैक तस्करों ने पुलिस की धरपकड़ की हो। पुलिस की ओर से न तो कोई ठोस कार्रवाई दिख रही है और न ही स्मैक की तस्करी पर रोक लगाने के प्रयास। ऐसे में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।
क्षेत्र के लोग प्रशासन से असंतुष्ट हैं और उनका कहना है कि अगर पुलिस इस दिशा में सख्त कदम उठाती तो यह स्थिति नहीं होती। पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों को इस ओर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
 

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