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दिल्ली : लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन को जारी हुए नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) रिजल्ट को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। परीक्षा में हुई धांधली और गड़बड़ी के आरोपों को लेकर कई छात्र धरने पर बैठे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस मामले पर नरेंद्र मोदी सरकार को लोकसभा में घेरने का ऐलान कर चुके हैं। अब नीट परीक्षा में कथित स्कैम का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसे लेकर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को एक याचिका दायर की गई जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच एसआईटी से कराने और 4 जून के नतीजों के आधार हो रही कॉउन्सलिंग को रोकने की मांग की गई है। इसके अलावा जनहित याचिका में 5 मई को हुई परीक्षा रद करने के साथ-साथ एग्जाम दोबारा कराए जाने की भी मांग की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नीट परीक्षा में धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका आंध्र प्रदेश के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता ने नीट एग्जाम में हुई कथित धांधली को लेकर याचिका में कई दावे किए के हैं। अब्दुल्ला मोहम्मद फैज ने अपनी शिकायत में छात्रों को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर ग्रेस मार्क देने में मनमानी का आरोप लगाया है। अर्जी में कहा गया है कि कुछ छात्रों को बैक डोर एंट्री देने के लिए नीट ने ये तरीका अपनाया है। जिस तरह से कुछ छात्रों को 720 में से 718 या 719 तक नंबर मिले है, वो व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। याचिका में इस पर सवाल उठाया गया कि इस बार परीक्षा में 67 छात्रों ने पहला स्थान हासिल किया है। उन्हें 720 में से पूरे 720 नंबर मिले हैं। अहम बात ये है कि इनमें से 8 छात्र एक ही एग्जाम सेंटर के है।

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