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8 से 10 सितंबर तक स्कूलों की छुट्टी, सरकारी दफ्तर में भी रहेगा अवकाश, जमीन से आसमान तक सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। दिल्ली की सुरक्षा में 45 हजार जवान तैनात रहेंगे, जिसमें दिल्ली पुलिस और केंद्रीय बलों के जवान शामिल हैं। खास बात ये है कि ये जवान अपनी वर्दी में नहीं, बल्कि नीले रंग के सफारी सूट में नजर आएंगे।
वहीं दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन की वजह से अघोषित लाकडाउन जैसी स्थिति रहेगी। राजधानी में 8 से 10 सितंबर तक सभी स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है और सरकारी दफ्तर में भी अवकाश रहेगा। अधिकारियों ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की योजना महीनों से तैयार की जा रही है, जिसमें पैरामिलिट्री फोर्स रिइन्फोर्समेंट, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, आतंकवादियों से लड़ने की ट्रेनिंग, वीवीआईपी की सुरक्षा और लोगों को बचाना शामिल है। सुरक्षा में लगे इन 45 हजार कमाडो में ऐसे जवान भी शामिल हैं जिन्हें हेलीकॉप्टर्स को मार गिराने की ट्रेनिंग मिली हुई है। और जो सटीक ड्राइविंग स्किल के साथ निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में काम करेंगे। पूरे शहर में सीसीटीवी फुटेज के लिए दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, खासतौर पर नई दिल्ली जिले में। स्पेशल पुलिस कमिश्नर (सुरक्षा) मधुप तिवार ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात किए गए लगभग आधे कर्मियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी गई है। चूंकि दिल्ली पुलिस के पास उपलब्ध जनशक्ति इतने बड़े आयोजन को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए हमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड जैसी विशेष एजेंसियों से अतिरिक्त जवान उपलब्ध कराए गए हैं। मधुप ने बताया कि समिट की जिम्मेदारियों को सात डोमेन और एरिया में बांटा गया है. जिसमें हवाई अड्डा, आयोजन वाली जगह, विदेशी मेहमानों के रुकने वाली जगह, राजघाट, ट्रैफिक, मोटरकेड मैनेजमेंट, आतंक विरोध उपाय और कानून व्यवस्था शामिल हैं। इनमें से हर एक का नेतृत्व वेन्यू कमाण्डर करेगा।

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क्या है जी 20

जी 20 भारत समेत दुनिया के 20 देशों का ग्रुप है, इसकी स्थापना 1999 में की गई। इसके गठन का मकसद मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों में आपसी समन्यव स्थापित करना है। इसमें भारत के अलावा चीन, अमेरिका, रुस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, द. अफ्रीका, सऊदी अरब, तुर्किये, मेक्सिको, साऊथ कोरिया, यूरोपीय संघ और कोरिया शामिल है। जी 20 की ताकत का इसी से पता चलता है कि विश्व की 80 फीसदी जीडीपी, 60 फीसदी आबादी ग्रुप के फैसलों और आर्थिक दृष्टिकोण पर निर्भर करती है।

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