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कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी

हल्द्वानी: नैनीताल रोड पर तीन पानी से काठगोदाम तक चल रहे चौड़ीकरण कार्य के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। समाजसेवी हेमंत गोनिया ने लोक निर्माण विभाग, निर्माण खंड हल्द्वानी पर गंभीर आरोप लगाते हुए अधिशासी अभियंता को एक लिखित शिकायती पत्र सौंपा। शिकायत में कहा गया है कि वॉकवे मॉल के पास बनाए गए एक विशेष रास्ते को मॉल प्रबंधन को सौंप दिया गया है, जो कि सरकारी भूमि है। मॉल द्वारा इस रास्ते पर गेट लगाकर निजी उपयोग में लिया गया है, जबकि यह आमजन की सुविधा के लिए होनी चाहिए थी।
गोनिया ने आरोप लगाया कि इस मामले में पूर्व में कई बार शिकायत की जा चुकी है, यहां तक कि उत्तराखंड हाईकोर्ट में भी मामला उठाया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। उनका यह भी कहना है कि लोक निर्माण विभाग ने हाईकोर्ट को झूठी आख्या भेजी, जो एक गंभीर अपराध है। उन्होंने नए अधिशासी अभियंता से मामले को संज्ञान में लेने की अपील की है, जिन्होंने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
हाईकोर्ट द्वारा दिए गए जांच आदेश के बाद जिला प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा जांच की गई थी, जिसमें कहा गया कि रास्ता आमजन के लिए खोल दिया गया है और गेट हटा दिया गया है। परंतु जमीनी हकीकत इससे अलग है वह रास्ता अब भी निजी उपयोग में है, जिस पर कोई पैदल यात्री नहीं चलता, और मुख्य सड़क पर मॉल की सुरक्षा के लिए लकड़ी का बॉक्स भी रख दिया गया है, जो यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहा है।
हेमंत गोनिया ने कहा कि इस भूमि को लोक निर्माण विभाग की मानते हुए विभाग ने खुद स्वीकार किया है कि वह सार्वजनिक है, फिर भी तीन-तीन रास्ते बनाकर निजी स्वार्थों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे एक बार फिर उत्तराखंड हाईकोर्ट की शरण लेंगे।
कुल मिलाकर यह मामला केवल एक निजी रास्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग, प्रशासनिक लापरवाही और न्यायिक आदेशों की अवहेलना जैसे गंभीर मुद्दे जुड़े हैं। हेमंत गोनिया की इस लड़ाई ने सरकारी जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग को फिर से सतह पर ला दिया है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस बार सजगता दिखाता है या मामला फिर किसी फाइल के ढेर में दब जाएगा।

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