

देहरादून। आज हम बात करेंगे उस शहर की, जो कभी शांत माना जाता था, लेकिन अब वहां शांति बनाए रखने के लिए भी धारा लगानी पड़ रही है। जी हां, बात हो रही है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की। देहरादून में आज यानी 22 सितंबर को जिला प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया है। जनपद में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 163 बीएनएसएस (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) लागू कर दी गई है। ये धारा पुराने समय की धारा 144 की तरह काम करती है, लेकिन नए कानूनों के तहत इसे नया नाम दिया गया है।
अब ज़रा समझिए कि ये फैसला क्यों लिया गया है। दरअसल, एक तरफ शहर में आपदाएं भूस्खलन, भारी बारिश और जलभराव जैसी समस्याएं जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ धरना-प्रदर्शन से शहर की सड़कों पर अफरातफरी मच रही है। ऐसे में प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए ये सख्त कदम उठाया है।
शहर के 12 स्थान, जहां ये नियम लागू हुआ है उनमें घण्टाघर, चकराता रोड, गांधी पार्क सचिवालय रोड, न्यू कैंट रोड, सहस्त्रधारा रोड, नेशविला रोड, राजपुर रोड, ईसी रोड सहारनपुर रोड, परेड ग्राउंड, सर्वे चौक / डीएवी कॉलेज रोड शामिल है। इन सभी क्षेत्रों में अब पांच से अधिक लोगों का इकट्ठा होना प्रतिबंधित कर दिया गया है।
लेकिन सवाल ये है कि क्या सचमुच इसका पालन होगा? क्या कोई नज़र रखेगा कि कहीं कोई बिना इजाज़त के लाउडस्पीकर तो नहीं बजा रहा? क्या सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने वाली हर बात अब सड़क पर नहीं आएगी?
प्रशासन साफ कहता है कि ये कदम जनता की सुरक्षा के लिए है। न कोई जुलूस, न कोई प्रदर्शन, न ही कोई डीजे। और अगर आप सोच रहे हैं कि ‘चलो लाठी लेकर निकलते हैं’, तो ज़रा रुकिए। किसी भी प्रकार के हथियार, लाठी, डंडे, औजार या आपत्तिजनक वस्तुएं लेकर चलना अब पूर्णतः वर्जित है।