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अल्मोड़ा। अंडरवर्ल्ड डांन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को जेल में दीक्षा देने का मामला तूल पकड़ गया है। इसे लेकर जहां अल्मोड़ा जेल अधीक्षक से जवाब-तलब किया गया है। वहीं संत समाज में भी इसे लेकर अलग-अलग मत है और अधिकतर संत इस से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक ने पूरे मामले की जांच के लिये कमेटी गठित किये जाने की बात कही है। प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को जूना अखाड़े के कुछ संतो द्वारा गत सप्ताह जेल में दीक्षा दिये जाने व अंगवस्त्र देने की बात सामने आयी थी जिस पर डीआईजी (जेल) डी आर मौर्य का कहना है कि जेल में इस तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं हैं, उन्होंने बताया इस मामले में जेल के अधीक्षक जयंत पांगती से जबाव-तलब किया गया है। इस मुददे पर जब अखाड़े के संतों से बात करने की कोशिश की गयी तो वे इस पर बोलने से बचते नजर आये। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमंहत रविंद्र पुरी महाराज का इस मुददे को लेकर कहना था कि यह जूना अखाड़े का अंदरूनी मामला है लिहाजा उनके संत ही इस बारे में कुछ बता पायगें। परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री और अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि इस मामले का अखाड़े से कोई लेना देना नहीं है। इसके बाद भी इस मामले की जांच करायी जायेगी कि उसे (पीपी) को किसने संत बनाया, कौन लोग इसमें शामिल रहे। इसको लेकर सात सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच की जायेगी।

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