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राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाही

हल्द्वानी। उत्तराखंड राज्य में ऐसे अस्पतालों को अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण संब़द्धता नहीं देगा जिनके पास फायर की एनओसी नहीं होगी, अस्पतालों में आग की घटना और मरीजोें की सुरक्षा से खिलवाड़ को देखते हुये राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने यह बड़ा निर्णय लिया है। इसी के चलते राज्य के 27 अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाही अमल में लाई गयी है। नियमों को ठेंगा दिखाने वाले 27 प्राईवेट अस्पतालों की सूचीबद्धता को अस्थाई रूप से निरस्त कर दिया है। ये सभी अस्पताल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत रजिस्टर्ड थे, स्वास्थ्य प्राधिकरण के इस कदम के बाद ये अस्पाताल आयुष्मान कार्ड पर नये मरीजों का ईलाज नहीं कर पायेंगे। क्योंकि प्राधिकरण ने नये मरीजों के ईलाज पर रोक लगा दी है। यहां बता दें कि ये सभी अस्पताल फायर सेफ्टी की एनओसी जमा नहीं करा पाये थे। जिन अस्पतालों की सूचीबद्धता अस्थाई रूप से निरस्त की गयी है उनमें जनपद उधम सिंह नगर का कृष्ण हॉस्पिटल एण्ड क्रिटिकल केयर सेंटर यूएसनगर, महाजन हॉस्पिटल रूद्रपुर, महाराजा अग्रसेन चेरिटेबल हॉस्पिटल रूद्रपुर, श्रीराम आईकेयर एण्ड नर्सिंग होम रूद्रपूर, स्पर्श हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर खटीमा देवकीनंद हॉस्पिटल काशीपुर, पैगिया हॉस्पिटल काशीपुर, प्रयास हॉस्पिटल खटीमा, सहोता सुपरस्पेशियलिटी एण्ड न्यूरों ट्रामा सेंटर यूएसनगर, आन्नद हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर खटीमा, डॉ. टूरना सर्जिकल हॉस्पिटल सितारगंज, स्वास्तिक हॉस्पिटल काशीपुर, तपन हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर खटीमा,व जनपद हरिद्वार के ओजस हॉस्पिटल ज्वालापुर हरिद्वार, स्पंदन हार्ट सेंटर ऋषिकेश, डॉ. कोहली लेप्रोस्कोपिक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ऋषिकेश, पेनासिया हॉस्पिटल ऋषिकेश, देव भूमि हॉस्पिटल एण्ड मेडिकल रिसर्च सेंटर हरिद्वार, गोंविंद हॉस्पिटल जोगीवाला, नवीन आई हॉस्पिटल रूड़की तथा जनपद देहरादून के चारधाम हॉस्पिटल देहरादून पैनासिया हॉस्पिटल धरमपुर देहरादून, जोशी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सैलाकुई, लाइफ लाइन सुपर स्पेशलिटी एण्ड केजीएन मेडिकल सेंटर रानीपुर, प्रज्ञा हॉस्पिटल एण्ड पैरामेडिकल कॉलेज झबरेणा कस्बा, डॉ. केकेबीएन सुभारती अस्पताल देहरादून, गोविन्द हॉस्पिटल जोगीवाला, नेत्रम आई केयर देहरादून शामिल है। इस बड़ी कार्रवाही के बाद भी राज्य में ऐसे कई बड़े अस्पताल है जो आवासीय भवनों में संचालित किये जा रहे है। इन अस्पतालों के खिलाफ भी महकमा कार्यवाही का मन बना रहा है।

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