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हल्द्वानी नगर निगम चुनाव में 28,300 नए मतदाताओं की अहम भूमिका, मेयर पद के लिए बढ़ी प्रतिस्पर्धा

हल्द्वानी: प्रदेश के 11 नगर निगमों में मेयर बनने की होड़ तेज होती जा रही है, और हल्द्वानी नगर निगम में भी इस बार मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इस बार 28,300 नए मतदाता मेयर के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी केवल 10,854 वोटों से जीतकर मेयर पद पर काबिज हुए थे, ऐसे में नए मतदाताओं का वोट इस बार चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
नए मतदाताओं के जुड़ने से अब हल्द्वानी नगर निगम में कुल 2,41,481 मतदाता हैं, जिनमें 1,18,451 महिला और 1,23,015 पुरुष मतदाता शामिल हैं। पिछले चुनाव में इस संख्या में 2,13,181 मतदाता थे, जिनमें 1,04,003 महिला और 1,09,178 पुरुष थे। ऐसे में इस बार 28,300 नए मतदाता जुड़ने से वोटिंग पर असर पड़ सकता है।
हल्द्वानी नगर निगम के वार्ड 18 शिवपुरी भवानीगंज में सबसे कम नए मतदाता (69) दर्ज हुए हैं, वहीं वार्ड 41 भगवानपुर में सबसे ज्यादा 2,605 नए मतदाता जुड़े हैं। इस बदलाव के कारण मेयर पद की दावेदारी में न केवल राजनीतिक दलों, बल्कि नए मतदाताओं की पसंद भी अहम हो जाएगी।
यहां बता दे कि पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला को 64,793 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के सुमित हृदयेश को 53,939 वोट प्राप्त हुए थे। इस बार नए मतदाता चुनावी परिणाम पर निर्णायक असर डाल सकते हैं।

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नए वार्डों ने तोड़ा मुस्लिम वोटों का मिथक

हल्द्वानी मेयर पद के चुनाव में इससे पूर्व मुस्लिम मतदाताओं की अहम भूमिका रहती आई है। लेकिन नगर निगम के सीमा विस्तार में ( 3 दर्जन गांव) के निगम में शामिल होने के बाद जीत- हार का फैसला नए वार्डों के मतदाताओं पर आकर टिक गया है। नए वार्डों के मतदाताओं तक सीधी पहुंच रखने वाला मेयर पद प्रत्याशी ही विजयीश्री का स्वाद चख सकेगा।

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